मुंबई: कथित धार्मिक भेदभाव के एक मामले में एक युवा एमबीए स्नातक को उसके मुसलमान होने के कारण एक हीरा निर्यात कंपनी ने नौकरी देने से इनकार कर दिया. इस पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने व्यवसाय प्रतिष्ठान से स्पष्टीकरण मांगा है. भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कथित घटना की निन्दा की है और कहा है कि धार्मिक भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. मुंबई से बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातक जीशान...
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मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »नसबंदी कांड की कड़ियां- कनक तिवारी
जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...
More »सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार
जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...
More »‘हिंदी प्रदेश’ की पहचान के मायने- शैबाल गुप्ता
शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...
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