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मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग आरक्षण की निर्णय प्रक्रिया का ब्योरा देने इनकार किया: आरटीआई

नई दिल्ली: सरकार ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के कैबिनेट दस्तावेजों और मंत्रियों की बातचीत के रिकार्डोंं के खुलासे पर रोक संबंधी उपबंध का हवाला देते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण पर निर्णय की प्रक्रिया का ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया. गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट इनिशिएटिव (सीएचआरआई) के साथ सूचना तक पहुंच कार्यक्रम के समन्वयक वेंकटेश नायक ने इस संबंध...

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सवर्ण गरीबों की खिल्ली-- मिलिन्द मुरुगकर

नरेंद्र मोदी सरकार ने सवर्ण गरीबों को आर्थिक मापदंड पर आधारित आरक्षण देने का निर्णय किया है. इस मापदंड के अनुसार आठ लाख रुपये प्रति वर्ष, अर्थात 66,600 रुपये प्रतिमाह से कम आय पाने वाले लोग अब आर्थिक मापदंड से पिछड़े माने जाएंगे. इसका सीधा मतलब यह है कि मोदी सरकार ने वास्तविक दृष्टि से गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया ही नहीं है, बल्कि चुनाव जीतने के लिए उनकी आंखों में...

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कैसे सालभर में तीन फैसलों ने एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों का विश्वास डिगा दिया

भारतीय सुप्रीम कोर्ट को एक ऐसे संस्थान के रूप में जाना जाता है जो कि ‘वीरतापूर्वक' नागरिक स्वतंत्रता की हिमायत करता है और एक उत्पीड़क सामाजिक ढांचे के विरुद्ध हाशिये पर पड़े सामाजिक वर्गों के रक्षक की भूमिका निभाता है. पिछले डेढ़ वर्षों की अवधि में इसने लोगों की निजता के अधिकार को मान्यता दी, एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों को स्वीकार किया और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की...

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10 फीसदी आरक्षण: सवर्णों के कंधे पर चुनावी बंदूक

124वें संविधान संशोधन विधेयक से यह बात साफ हो गई है कि इस सरकार को ऐसे क़दम उठाने में महारत हासिल हो गई है, जो उन्हीं लोगों को ले डूबते हैं, जिनके पक्ष में इनकी घोषणा होती है. नोटबंदी के शुरू में आम लोगों का बड़ा हिस्सा इस आनंद में डूब-उतरा रहा था कि काले धन वालों की फजीहत हो गई. मगर बाद में पता चला कि फजीहत तो उनकी हुई...

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कुल न्यायाधीशों में 50 फीसदी संख्या महिलाओं की होनी चाहिए: संसदीय समिति

नई दिल्ली: आजादी के बाद से भारत के सुप्रीम कोर्ट में केवल छह महिला न्यायाधीश नियुक्त किये जाने एवं अदालतों में महिला जजों की कम संख्या का हवाला देते हुए संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि कुल न्यायाधीशों में महिला न्यायाधीशों की संख्या करीब 50 प्रतिशत होनी चाहिए. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में पेश कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी स्थायी समिति की...

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