-जनपथ, जब मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में वित्तमंत्री द्वारा बजट बढ़ाए जाने को लेकर उनके प्रशस्ति-गान में लगा हुआ है तब आंकड़ों की दुनिया की अजब-गजब संभावनाओं पर चर्चा करने को जी करता है। आंकड़ों की अलग-अलग प्रकार की तुलना अथवा एक खास ध्येय से उनके चयन के द्वारा खराब स्थिति की अच्छी तस्वीर दिखाई जा सकती है किंतु यह आंकड़े ही हैं जो इस अच्छी तस्वीर की सच्चाई को हम...
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केंद्रीय बजट में दलित-आदिवासी के लिए प्रत्यक्ष लाभ कम, दिखावा अधिक
-न्यूजक्लिक, इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अनुसूचित जातियों (अजा) के लिए बजट कुल 1,42, 342.36 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजाति (अजजा) के लिए कुल 89,265.12 करोड़ रुपये तय किया गया है। अजा के लिए 329 योजनाओं और अजजा के लिए 336 योजनाओं को क्रमश: अनुसूचित जाति कल्याण (AWSC) और अनुसूचित जनजाति कल्याण (AWST) के लिए बजट में शामिल किया गया है। हालांकि, आवंटित बजट दिखने में काफी बड़ा लगता है। लेकिन...
More »क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य
-गांव सवेरा, लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है या नहीं। एक नए प्रयोग के तहत 1921-1957 के दौरान जिला-स्तरीय डेटासेट को आधार बनाते हुए यह लेख इस बात की जाँच करता है कि भारत में किस...
More »इंटरव्यू/भूपेश बघेल: “राज्यों को कर्ज की ओर ढकेल रहा केंद्र”
-आउटलुक, “बघेल ने विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में विस्तार से बात की” भूपेश बघेल ने हाल ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा किया है। उनके नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करके यह प्रदेश एक मॉडल बन कर उभरा है। इसके लिए उसे राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिले हैं। आउटलुक के लिए आशुतोष शर्मा के साथ बातचीत में बघेल ने विकास के...
More »आर्थिक विकास, पोषण जाल, और चयापचय संबंधी रोग
-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में प्रलेखित किये गए दो तथ्य इस परंपरागत धारणा के विपरीत चलते हैं कि आर्थिक विकास बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाता है: विकासशील देशों में आय और पोषण की स्थिति के बीच एक स्पष्ट लिंक का अभाव; और आर्थिक विकास के साथ, तथा सामान्य व्यक्तियों में, जो कि जरूरी नहीं कि अधिक वजन वाले हों, चयापचय संबंधी बीमारी का बढ़ता प्रचलन। यह लेख इन प्रतीत...
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