पटना : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा बिहार के कारण देश को पिछड़ा बताये जाने पर राज्य के अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. बिहार निवासी समाजशात्री-अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीति आयोग के सीईओ को तत्काल हटाये जाने की मांग की है. मालूम हो कि मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा था, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,...
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नकदी : कुछ किल्लत, कुछ हल्ला-- राजीव रंजन झा
पिछले कुछ दिनों से फेसबुक और ट्विटर जैसे लोक-माध्यमों पर यह हल्ला मचा हुआ है कि बैंकों के एटीएम खाली हैं और बैंक शाखाओं में जाने पर भी नकदी नहीं मिल पा रही है. ऐसे मुद्दे पर राजनीति तो गरमानी ही थी. राहुल गांधी ने आरोप मढ़ डाला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बैंकिंग तंत्र को तबाह कर डाला है. कांग्रेस ने ट्वीट करके सवाल उठाया कि देश भर...
More »समावेशी विकास के प्रतिमान-- अनंत कुमार
भारत की अलौकिक सुंदरता इसकी संस्कृतियों, परंपराओं, लोगों, प्राकृतिक दृश्यों, भाषाओं आदि की विविधता में निहित है. इसका विशाल विस्तार भी ऐसी चुनौतियां प्रस्तुत करता है, जो केवल इस देश के लिए विशिष्ट हैं. अत: इन विविध चुनौतियों से निपटने के लिए ऐसे उपायों की जरूरत है, जो प्रत्येक स्थिति के लिए उपयुक्त हों. भारत के राष्ट्रीय विकास एजेंडा में अन्य के साथ-साथ गरीबी, सतत विकास, स्वास्थ्य, पोषण, लैंगिक...
More »महंगाई रोक सकती है सस्ते कर्ज की राह: विश्लेषक
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) वित्त वर्ष 2018-19 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है। ऐसे में कर्ज की मासिक किश्त (ईएमआई) घटने की उम्मीद लगाए उपभोक्ता और उद्योग जगत को निराश होना पड़ सकता है। दिग्गज...
More »संघवाद पर लगी ताजा चोट--डॉ टीएम थॉमस इसाक
राजव्यवस्था का एक सामान्य सिद्धांत है कि वित्तीय संसाधनों का सबसे सही आवंटन सरकार का वह स्तर करता है, जो लाभुकों से सर्वाधिक निकटस्थ होता है, जबकि संसाधनों के बेहतरीन संग्रहण की अपेक्षा सरकार के उस स्तर से की जाती है, जो करदाताओं से सर्वाधिक सुदूर स्थित है. इसलिए सभी सहयोगात्मक संघीय व्यवस्थाओं में कराधान की शक्ति सामान्यतः केंद्र सरकार के पास केंद्रित रहती है, जबकि व्यय का भार...
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