-द कारवां, आदित्य बिरला समूह और वेदांता लिमिटेड भारत में उन पहले कारपोरेट दाताओं में से थे जिन्होंने कोविड-19 महामारी राहत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाए गए और उन्हीं के द्वारा संचालित पीएम केयर्स फंड में भारी भरकम राशि दान दी थी. यह फंड मार्च 2020 में बनाया गया था और इसके बनने के पहले सप्ताह के भीतर ही आदित्य बिरला समूह ने 400 करोड़ रुपए तथा वेदांता ने...
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नमामि गंगे परियोजना के काम में मैला ढोने से हुई मौत लेकिन न मिला मुआवजा, न हुआ मामला दर्ज
-कारवां, इस साल मई में पटना के बेउर इलाके में केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना में काम करते हुए दो मजदूरों की गटर में घुसने के बाद मौत हो गई. वहां काम करने वाले तीन मजदूरों के मुताबिक उन्हें आवश्यक बचाव उपकरणों के बिना ही गटर में घुसने को कहा गया था. एक मजदूर ने मुझे बताया कि लार्सन एंड टुब्रो, जिसके पास बेउर साइट का ठेका है, के इंजीनियर ने...
More »JEE घोटाला और NEET पर पाबंदी मौजूदा व्यवस्था की नाकामियां हैं, असली चुनौतियां तो अभी बाकी हैं
-द प्रिंट, भारत में सबसे ज्यादा अहम और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी मानी जाने वाली दो प्रवेश परीक्षाएं—राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)—इस सप्ताह विवाद के कारण सुर्खियों में रही हैं. मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश इन्हीं परीक्षाओं के माध्यम से मिलता है. जेईई में कथित हेरफेर मामले की आपराधिक जांच और तमिलनाडु में अपने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट खत्म करने के संबंध में एक विधेयक पेश किए जाने से इन...
More »क्या जीएम सोयामील आयात की अनुमति का फैसला देश में जीएम फसलों का रास्ता खोलेगा
-रूरल वॉइस, केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तहत डायरेक्टर जनरल ऑफ फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने 12 लाख टन जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) सोयाबीन से तैयार सोयामील के आयात की अनुमति की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए आयात नीति 2017 के उस प्रावधान में रियायत दी गई है जिसके तहत जीएम सोयामील के आयात के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) की मंजूरी की अनिवार्यता है। इस फैसले के बाद...
More »WHO COVID डेटाबेस में हैं कई ‘खामियों भरे जर्नल्स’, जिसमें 70 पेपर भारतीयों के हैं
-द प्रिंट, सैकड़ों शोध पत्र, जिसमें से भारत के कम से कम 70 शोध पत्र जो प्रिडेटरी या खामियों भरे जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड विज्ञान प्रकाशनों के वैश्विक शोध पत्र में शामिल हो गए हैं. डब्ल्यूएचओ अब इन शोध पत्र की जांच कर रहा है. एक एजेंसी जो ‘कोरोनावायरस बीमारी पर वैश्विक साहित्य’ की एक सूची रखती है, जिसमें दुनिया भर से 30 लाख से अधिक...
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