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प्रेस की आज़ादी का सवाल अब पत्रकार बिरादरी की चौहद्दी के भीतर हल नहीं हो सकता

-जनपथ, अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में भारत 142वें स्थान पर है। वर्ष 2016 से भारत की रैंकिंग में जो गिरावट प्रारंभ हुई थी वह अब तक जारी है। तब हम 133वें स्थान पर थे। आरएसएफ के विशेषज्ञों ने भारत के प्रदर्शन के विषय में अपनी टिप्पणी को जो शीर्षक दिया है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है- “मोदी टाइटेन्स हिज ग्रिप ऑन द मीडिया“। यह टिप्पणी निम्नानुसार...

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“दलित हर देश और समाज में हैं”

-आउटलुक, “भारतीय विद्वान डॉ. सूरज येंग्ड़े और उनके मेंटॉर अफ्रीकी-अमेरिकी दार्शनिक और बौद्धिक प्रो. कॉर्नेल वेस्ट एक लंबी दलित-अश्वेत एकजुटता की परंपरा से आते हैं। यहां दोनों ने भावी आजादी, इसके संभावित आकार, ढांचे और रंग पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। आउटलुक के सुनील मेनन के साथ वीडियो चर्चा में बी.आर. आंबेडकर और डू बॉयस जैसे राजनीतिक विचारकों के संबंधों के परिप्रेक्ष्य में हमने उन्हें अश्वेत जीवन के महत्व (ब्लैक...

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नई ILO रिपोर्ट: टेक्नोलॉजी आधारित नए डिजिटल श्रम प्लेटफार्म श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं!

वेबआधारित और प्लेटफॉर्म श्रमिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं हम में से हर एक के जीवन को प्रभावित करती हैं, लेकिन श्रम क्षेत्र को बदलने में डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों की भूमिका के बारे में ऐसी जानकारियां बहुत कम है. ऐसे डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों ने श्रमिकों, व्यवसायों और समाज के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा किए हैं. हालांकि, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म उचित काम और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए गंभीर खतरे भी पैदा...

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पश्चिम कर रहा है वैश्विक स्तर पर टीके में नस्लभेद

-न्यूजक्लिक, अमीर देश जिनमें अमरीका, कनाडा, यूके तथा योरपीय यूनियन शामिल हैं, जहां दुनिया की कुल आबादी का आठवां हिस्सा रहता है, उन्होंने दुनिया की 50 फीसद से ज्यादा खुराकें हथिया ली हैं। अकेले अमरीका ने ही 14.7 करोड़ टीके हथिया लिए हैं। (देखें, तालिका-1) यह समूचे अफ्रीकी महाद्वीप, जिसकी आबादी अमरीका से चार गुनी ज्यादा है, को मिले टीकों से 14 गुनी से भी ऊपर है।  वास्तव में अगर अफ्रीका के...

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कोविड वैक्सीन में पक्षपात से भारत को हो सकता है 58 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

-डाउन टू अर्थ,  वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के टीकाकरण में व्याप्त असमानताओं के चलते भारत को करीब 57,70,454 करोड़ रुपए (78,600 करोड़ डॉलर) का नुकसान हो सकता है जोकि उसकी सकल घरेलू उत्पाद के 27 फीसदी के बराबर है। वहीं, दूसरी तरफ वैश्विक टीकाकरण में विफल रहने पर अमीर देशों को औसतन प्रति व्यक्ति 146,831 रुपए (2,000 डॉलर) का नुकसान हो सकता है। यह जानकारी अंतराष्ट्रीय संगठन ऑक्सफेम द्वारा जारी एक...

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