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बैंकों के विलय पर टिकी उम्मीद-- सतीश सिंह

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय का मन बना लिया है। इसलिए उसने नीति आयोग से इस मसले पर अनुशंसाएं आमंत्रित की हैं और रिजर्व बैंक को भी इस संबंध मेंसुझाव देने के लिए कहा है। वर्तमान में सरकार चार बड़े और छह छोटे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करना चाहती है। चिह्नित किए गए छह छोटे बैंकों में यूनाइटेड बैंक आॅफ इंडिया, यूको बैंक, यूनियन बैंक...

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किस हद तक माफ हों कर्ज-- आर. सुकुमार

भारत में इस मानसून की यदि कोई थीम है, तो मेरी राय में वह ‘कर्ज' है। तीन मामले आपके सामने रख रहा हूं। पहला, रिजर्व बैंक अपनी नई ताकतों से परिचय करा रहा है। नई बैंकरप्सी कोड के तहत उसने 12 बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन कंपनियों पर हमारे बैंकिंग सिस्टम के कुल एनपीए यानी डूबे हुए कर्ज का लगभग एक चौथाई हिस्सा बकाया है। यह रकम...

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हरित क्रांति की जमीन पर किसानों की खुदकुशी-- संजीव शर्मा

पंजाब में पिछले एक दशक के दौरान हुई किसान आत्महत्या की घटनाओं ने सरकारी तंत्र पर हमेशा सवाल खडेÞ किए हैं। राज्य में भले ही सत्ता परिवर्तन हो गया है लेकिन किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज भी सूबे के किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब में सत्ता परिवर्तन को करीब तीन माह हुए हैं और इन तीन महीनों के दौरान करीब 60 किसान मौत...

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क्यों धैर्य खो रहे हैं किसान-- संजीव पांडेय

महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में किसान उग्र हो गए हैं। दोनों राज्यों में किसान आंदोलन हिंसक हो गया। मध्यप्रदेश में पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई। यह घटना पूरे देश के लिए चेतावनी है क्योंकि किसानों ने अब शांतिपूर्वक आंदोलन के बजाय हिंसक रास्ता अख्तियार कर लिया है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान फसलों की संतोषजनक कीमत न मिलने के कारण सड़कों पर उतर आए। सरकार की...

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जल्द मिले सस्ती औषधि की सौगात - डॉ एके अरुण

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि ऐसा कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा जिसके तहत चिकित्सकों को उपचार के लिए महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाएं (जो मूल दवा है और सस्ती होती है) ही लिखनी होंगी। उल्लेखनीय है कि बेहद महंगी दरों पर मिलने वाली ब्रांडेड दवाएं मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर इतनी भारी पड़ती हैं कि अधिकांश तो पर्याप्त मात्रा में दवाएं...

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