-गांव कनेक्शन, आखिर क्यों दिहाड़ी मजदूर आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं? मजदूर दिन रात कड़ी मेहनत तो करते हैं फिर भी उन्हें उनका सही पारिश्रमिक नहीं मिलता। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट कहती है कि भारत में वर्ष 2019 में आत्महत्या करने वाला हर चौथा शख्स दिहाड़ी मज़दूर था। लगभग समस्त आर्थिक कृया कलापों में मज़दूरों का विशेष योगदान होता है। किसी भी प्रकार का उद्योग हो,...
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प्रेमचंद 140 : जीवन के प्रति दहकती आस्था
-सत्यहिंदी, प्रेमचंद को लेकर साहित्यवालों में कई बार दुविधा देखी जाती है। उनका साहित्य प्रासंगिक तो है लेकिन क्यों? क्या ‘गोदान’ इसलिए प्रासंगिक है कि भारत में अब तक किसान आत्महत्या कर रहे हैं? या दलितों पर अत्याचार अभी भी जारी है, इसलिए ‘सद्गति’ और ‘ठाकुर का कुआँ’ प्रासंगिक है? क्या ‘रंगभूमि’ इसलिए पढ़ने योग्य बनी हुई है कि किसानों की ज़मीन कारखाने बनाने के लिए या ‘विकास’ के लिए अभी...
More »आज भी जिंदा है Mother India के सुक्खी लाला, किसान ने बेटे के इलाज के लिए लिया कर्जा, हड़प ली पूरी जमीन
-गांव कनेक्शन, " हमारा जवान लड़का अस्पताल में भर्ती था। जेवर बेचकर और उधार लेकर डेढ़ लाख रुपए लगा चुके थे। इलाज के लिए और पैसे की ज़रुरत थी तो एक एकड़ खेत 26 हजार में गिरवी रख दिया। लेकिन बनिया (साहूकार) ने बेईमानी की और हमारी पूरी धरती (4 एकड़ ज़मीन) हड़प ली। बेटा और ज़मीन दोनों चले गए," कहते-कहते बुजुर्ग मथुराबाई पल्लू में मुंह छिपाकर फफक फफक कर रोने...
More »किसानों से ज्यादा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले मोदी सरकार के हालिया कृषि अध्यादेश
-कारवां, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के टोला गांव के रामसेवक चार बीघे के किसान हैं. हाल ही में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर किए गए खेती से संबंधित पुराने कानून में संशोधन और दो नए कानूनों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, "हम कानून-आनून नईं जानत, जो कछू जानत हैं, वो इत्तो कि हमाये खेत, हमाई मेहनत, हम का बोएं, का पैदा करें, कोऊ दूसरो कैसे बता सकत!" ठेका...
More »लॉकडाउन से पैदा आर्थिक संकट से बढ़ रहीं आत्महत्याएं
-कारवां, 22 जून को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के जगदीशपुर इलाके के रहने वाले 53 साल के रघुवीर सिंह ने आत्महत्या कर ली. सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “हमारे पास में 25000 रुपए की नकदी थी लेकिन लॉकडाउन के वक्त घर में खाली बैठे-बैठे वह खत्म हो गई. इसके बाद हम क्या करते? इस आर्थिक तंगी से परेशान होकर मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं.” सिंह के...
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