रांची के एक गांव की मीना ( बदला हुआ नाम) का विवाह बचपन में ही हो गया था. बाल विवाह की शिकार हुई मीना को जब यह एहसास हुआ कि उसके साथ क्या हुआ है, तो उसने समाज की इस कुप्रथा से लड़ने का निर्णय लिया. मीना का यह फैसला इतना आसान नहीं था. मुश्किलों का सामना करते हुए वह ससुराल से अपने घर वापस आ गयी. अभी मीना 10वीं की...
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मेहनतकश की मजदूरी का सवाल : हर्ष मंदर
‘खेतों और फैक्टरियों में काम करने वाले हर मजदूर और कामगार को कम से कम इतना अधिकार तो है ही कि वह इतनी मजदूरी पाए कि अपना जीवन सुख-सुविधा से बिता सके..।’ वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण दे रहे जवाहरलाल नेहरू ने यह बात कही थी। इसके नौ दशक बाद स्वतंत्र भारत की केंद्र सरकार ने कहा कि लोककार्य के लिए कानून द्वारा स्थापित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान...
More »महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत
नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
More »सात साल की बच्ची की शादी का प्रयास
पीढ़ी-दर-पीढ़ी चल रही कुप्रथा व रुपयों की खातिर मासूम बच्चियों की शादी करने का सिलसिला समाज में आज भी जारी है। ऐसा ही एक मामले का भंडाफोड़ 'दैनिक जागरण' ने वीरवार को नजदीकी गांव चड़िक की दाना मंडी में किया जहां राजस्थान की भाठ समुदाय से संबंधित एक सात वर्षीय बच्ची की शादी की तैयारी की जा रही थी। गौर रहे कि उक्त समुदाय में सात-आठ वर्ष के बच्चों की...
More »कुप्रथा डायन खा गई 1,240 अबलाएं
डायन करार देकर महिलाओं पर अत्याचार झारखंड का क्रूर अभिशाप है। दो दशक में 1,240 महिलाएं मार डाली गई, जबकि हजारों प्रताड़ित की गई। प्रताड़ना का स्तर भी ऐसा-वैसा नहीं। कहीं कोई महिला निर्वस्त्र की गई, तो कहीं सिर मुंड़वा सात गांव घुमाया गया। कई का जीते जी श्राद्ध करा दिया गया, कई गांव से निकाल दी गई, कई की इज्जत लूटी गई तो कुछ को जबरन मल-मूत्र पिलाया गया।...
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