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मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022

भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...

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क्या है जीएम सरसों और ये विवादों में क्यों है?

इंडियास्पेंड, 23 दिसम्बर सरसों भारत की प्रमुख खाद्य तेल फसल है। भारत पिछले कुछ दशकों से तेल की मांग पूरी करने के लिए विदेशों से खाद्य वनस्पति तेल आयात करता है। तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने, उत्पादकता बढ़ाने और विदेश जाने वाले करोड़ों डॉलर बचाने के लिए जीएम सरसों को विकल्प के तौर पर देखा जा रहा। लेकिन पर्यावरण प्रेमी, कई किसान संगठन, खाद्य मामलों के जानकार जीएम सरसों का विरोध...

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कृषि में डिजिटलाइजेशन पर किसान संगठनों के पदाधिकारियों का मंथन, कहा डाटा का इस्तेमाल किसान हित में हो

रूरल वॉयस, 23 नवम्बर कृषि में डिजिटलाइजेशन के विषय पर 21 और 22 नवंबर को दिल्ली में देश के अनेक किसान संगठनों ने सामूहिक चर्चा की। चर्चा में सभी किसान संगठनों ने कृषि में डिजिटलीकरण के बारे में गंभीर चर्चा की और उसके विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय व्यक्त की। कई संगठनों के पदाधिकारियों का मत था कि जब तक डाटा की सुरक्षा का कानूनी ढांचा तैयार नहीं होता तब तक...

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कपास की जीएम किस्म बॉलगार्ड टू राउंडअप रेडी फलेक्स को जीईएसी की मंजूरी की तैयारी

रूरल वॉयस, 29 अक्टूबर जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) द्वारा सरसों की जीएम किस्म डीएमएच-11 की इनवायरमेंटल रिलीज की सिफारिशों के 26 अक्तूबर को सार्वजनिक होने के बाद से जीएम फसलों के विरोध में कई संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। कृषि वैज्ञानिक जीईएसी के इस कदम से काफी उत्साहित हैं। इसी बीच इस बात की संभावना बढ़ गई है कि जीईएसी की अगली बैठक में कपास की हर्बिसाइड टॉलरेंट...

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अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का निधन

अमर उजाला, 30 अगस्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रमुख विशेषज्ञ और योजना आयोग के पूर्व सदस्य प्रोफेसर अभिजीत सेन का एक लंबी बीमारी के बाद सोमवार रात निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। इसकी जानकारी उनके भाई ने दी। उन्होंने अपने चार दशकों से अधिक के अकादमिक करियर में कई बड़े नामी संस्थानों में पढ़ाया। अभिजीत सेन ने 1985 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाया, यहां पर वह आर्थिक अध्ययन के...

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