नई दिल्ली: भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने एक चुनावी सभा के दौरान मतदाताओं से सीधे तौर पर कहा कि जहां से ज्यादा वोट मिलेगा वहां ज्यादा काम होगा. उन्होंने मत प्रतिशत के आधार पर गांवों को अलग-अलग कैटेगरी में रखने की बात कही. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में एक सभा में उन्होंने कहा, ‘हम हर बार पीलीभीत में जीतते हैं, तो इस बात का मापदंड...
More »SEARCH RESULT
स्वच्छता सर्वेक्षण में हमारे शहर-- अभिषेक कुमार
इस बात में कोई संदेह नहीं कि आज आबादी के बोझ से चरमराते हमारे शहरों के लिए मूलभूत सुविधाएं पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. इन मूलभूत सुविधाओं में पीने का साफ पानी, शोधित सीवरेज, कचरे का निष्पादन, देश के हर कोने में चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति, सुचारु यातायात और बेहतर चिकित्सा हासिल करना जैसी चुनौतियां शामिल हैं. लेकिन, इनसे भी ज्यादा जरूरी है स्वच्छ माहौल, जो तभी मिल सकता है,...
More »वाराणसी: सीवर में उतरे दो सफाई कर्मचारियों की मौत
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के कैंट थाना इलाके में सीवर पाइप लाइनों की सफाई के लिए टैंक के अंदर घुसे दो सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई. घटना पाण्डेयपुर इलाके में कालीमंदिर के पास की है. अमर उजाला के अनुसार, वाराणसी के शिवपुर के मिनी स्टेडियम निवासी चंदन, बिहार के मोतिहारी निवासी राजेश और उमेश सीवर लाइन की सफाई के लिए 40 फीट गहरे मेनहोल में घुसे थे. शुक्रवार तड़के...
More »आनंद तेलतुम्बड़े के समर्थन में आए 600 विदेशी शिक्षाविद
नई दिल्लीः सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद आनंद तेलतुम्बड़े के समर्थन में अमेरिका और यूरोप के 600 से अधिक शिक्षाविदों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें भारत और महाराष्ट्र सरकार से तेलतुम्बड़े के खिलाफ कानूनी कार्रवाइयों को तुरंत बंद करने का आग्रह किया गया है. प्रिंस्टन, हार्वर्ड, कोलंबिया, येल, स्टैनफोर्ड, बर्कले, यूसीएलए, शिकागो, पेन, कॉर्नेल, एमआईटी, ऑक्सफोर्ड और लंदन स्कूल ऑफ कॉमर्स सहित उत्तरी अमेरिका, यूरोप के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों...
More »एलीट यूनिवर्सिटी के सवर्ण युवाओं के साथ एक दलित बुद्धिजीवी का एक दिन
हाल ही में मैं साल के आखिरी दिनों में हिमाचल प्रदेश की सुरम्य वादियों में स्थित एक नामी इंस्टीट्यूट में आयोजित किये गए ‘नई दिशाएं' कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आये युवाओं से मिला. ये विद्यार्थी अशोका, जिंदल जैसी एलीट प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ और आईआईटी जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों से आये थे. इनमें ज़्यादातर युवा अंग्रेज़ी भाषी सवर्ण वर्ग के थे, बहुत कम ही रिज़र्व कैटेगरी व अल्पसंख्यक समुदाय...
More »