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एक कदम आगे या एक कदम पीछे- संजय कुमार

राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति ; प्रारूप, ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक बहस के लिए रखी गयी है. इस प्रारूप के शुरू में सरकार ने इस समस्या की गहराई को आंकड़ों के जरिये ही स्पष्ट रूप से यह सामने रखा है कि भारत जैसे देश में भूमि सुधीर का सवाल कितना अहम है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (एनएसएसओ के आंकड़ों 2003-04) के अनुसार करीब 41.63} परिवारों के पास घर के अलावा और...

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अपनी छोड़ दूसरे की खेत में कर रहे हैं मजदूरी, 10 साल में 3 लाख लोग ने छोड़ी है किसानी

रायपुर। छत्तीसगढ़ बनने के बाद प्रदेश में तीन लाख किसानों ने खेती छोड़ दी है। इतना ही नहीं राज्य में 10 साल पहले जहां 30 लाख लोग दूसरे के खेतों में मजदूरी करते थे। वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 50 लाख हो गई है। हालांकि इस अवधि में यहां की कुल आबादी में 47 लाख की वृद्धि हुई है। उस समय राज्य की आबादी 2.08 करोड़ थी जो बढ़कर अब 2.55 करोड़ हो...

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गायब हो गई गरीबी के सरकारी आंकड़ो की पोल खोलने वाली रिपोर्ट

क्या आपको अर्जुन सेनगुप्ता समिति की रिपोर्ट की याद है? यही थी वह रिपोर्ट जिसने सरकार के गरीबी के आंकड़ों को झुठलाते हुए कहा कि तकरीबन 80% भारतीय रोजना 20 रुपये से भी कम की आमदनी में गुजारा करने को बाध्य हैं।नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर के नाम से जानी गई यह रिपोर्ट अब सूचनाओं के सार्वजनिक जनपद से गायब है। नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर की वेबसाइट अब...

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भारत में रोजगारहीन आर्थिक वृद्धि - आईएलओ की नई रिपोर्ट

जिस भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते दक्षिण एशिया में साल 2010 तक आर्थिक-वृद्धि की रफ्तार 9 फीसदी से ज्यादा की रही और अब यानी साल 2011-12 में 7 फीसदी पर जा पहुंची है, उसके बारे में सबसे ज्यादा गौर करने लायक तथ्य क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय श्रम-संगठन की नई रिपोर्ट ग्लोबल एम्पलॉयमेंट ट्रेन्डस् का कहना है कि बढ़ोत्तरी का यह कमाल श्रम की उत्पादकता में बढ़वार का नतीजा था ना कि...

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किसान ही बना सकता है ‘उत्तम प्रदेश’

इलाहाबाद में दो सप्ताह से तनाव है, यहां किसान आंदोलनरत हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी खेती की जमीन औने-पौने दाम में लेकर उस पर ‘विकास’ किया जाए। ऐसी ही स्थिति बीते दो सालों के दौरान दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा आदि में देखने को मिली है। विकास के नाम पर खेत उजाड़ने पर किसान सड़कों पर उतरता है। देश के सबसे विस्तृत राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक केनवस...

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