नयी दिल्ली : मई महीनें में खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी वृद्धि दर्ज की गयी है. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई माह में उससे पिछले महीने के मुकाबले थोडी चढ कर शून्य से 2.36 अंक पर आ गयी. अप्रैल में यह शून्य से 2.65 अंक नीचे थी. गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में खास कर ईंधन, खाद्यों तथा विनिर्मित उत्पादों की...
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कश्मीर में हुई तबाही का असर इंदौर पर
अक्षय बाजपेई, इंदौर। धरती के स्वर्ग कश्मीर में बाढ़ से हुई तबाही का असर इंदौर के फल बाजार पर नजर आ रहा है। जो सेवफल कुछ दिनों पहले 60 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रहा था, उसके दाम अब 100 से 120 रुपए किलो तक पहुंच चुके हैं। यही हाल कश्मीर से आने वाले अन्य फलों का भी है। कश्मीर से हर साल इसी सीजन में फलों की गाड़ियां...
More »भारतीय मॉनसून की विशेषताएं- बालसुब्रमण्यम एल
भारतीय जलवायु के बारे में कहा जाता है कि यहां केवल तीन ही मौसम होते हैं- मॉनसून पूर्व, मॉनसून और मॉनसून के बाद का मौसम. हालांकि, यह भारतीय जलवायु पर एक हास्योक्ति है, फिर भी मॉनसून पर मौसम की पूर्ण निर्भरता को अभिव्यक्ति देती है. मॉनसून के विभिन्न आयामों व इसके कमजोर होने के परिणामों और प्रभावों के विश्लेषण का एक प्रयास.. वर्षा की दृष्टि से भारत बड़ा में बड़ा विरोधाभास...
More »नाम का मनरेगा!- शिरीष खरे(तहलका )
मनरेगा योजना को हाईटेक बनाने की जिद के चलते मध्य प्रदेश में पिछले तीन महीने से इस योजना का काम लगभग ठप पड़ा है और लाखों मजदूर फिर से पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं. शिरीष खरे की रिपोर्ट. राजधानी भोपाल के सीहोर रोड पर बन रही एक गगनचुंबी इमारत के नीचे कुछ मजदूर परिवारों ने ईंटों की अस्थायी चारदीवारी बना ली है. इन्हें अंदाजा है कि वे कुछ महीनों...
More »पीड़ा में पहाड़िया- निराला की रिपोर्ट
झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...
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