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उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद ढीली, किसान समर्थन मूल्य से 250 रुपये तक नीचे बेचने को मजबूर

-आउटलुक, देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद ढीली होने के कारण किसानों को 1,775 से 1,850 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं बेचना पड़ रहा है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। बहराइच जिले की तहसील मोतीपुर के गांव महेशपुर के किसान कुलदीप...

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लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में

-भोजन का अधिकार अभियान बिहार, सेवा में,                माननीय मुख्यमंत्री,                बिहार सरकार, पटना, बिहार विषय :   लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में। महाशय, देश और राज्यों में COVID-19 के खतरे को देखते हुये सरकार द्वारा लॉकडाउन का ऐलान किया गया...

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छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए डोनेशन ऑन व्हील्स

-इंडिया टूडे,  छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए सख्त किस्म की लड़ाई शुरू की है. राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से लगने वाली अपनी सड़क सीमाएं सील कर दी है और अभी छत्तीसगढ़ में कुल 76,000 लोग होम क्वारेंटांइन में हैं. क्वारेंटाइंन में और भी लोग हैं, लेकिन होम क्वारेंटांइन में उनकी पूरी देख-रेख के लिए संबंधित थानेदार, स्वास्थ्य कर्मी, महिला विकास विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है....

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कोरोना से बचाव के लिए रसायन से नहलाए गए मजदूर, अधिकारी ने कहा नहला सकते हैं

-डाउन टू अर्थ,  दिल्ली-एनसीआर से थके-मांदे उत्तर प्रदेश के बरेली  जिले में पहुंचे थे सोचा था  कि अब उनके गांवों का रास्ता आधा ही बचा है। उन्हें क्या पता था कि बरेली में उन्हें सोडियम हाइपोक्लोराइट रसायन से नहला दिया जाएगा। बच्चे दर्द से चीखने लगेंगे। बरेली प्रशासन के इस कृत्य ने अमानवीयता की हदें लांघ ली। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना को लोगों ने अपनी टिप्पणियों में क्रूर...

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पहचान की राजनीति से आगे की राजनीति

भाजपा एक लंबी यात्रा और उठापटक के बाद आज जहां पहुंची है, और जिस तरह की राजनीति कर रही है उसे समझे बिना हम दिल्ली के ताजा नतीजों की ठीक से व्याख्या नहीं कर पाएंगे. 1995-96 का दौर था जब भाजपा अटल-आडवाणी की हुआ करती थी. उस दौर में लालकृष्ण आडवाणी ने ऐलानिया कहा था कि आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स यानी विचारधारा वाली राजनीति की एक सीमा होती है. राजनीतिक विचारधारा पर...

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