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फसल बीमा योजना की सफलता के गान के बीच निजी कंपनियों ने ख़ारिज किए 75 फीसदी दावे

-द वायर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के मद्देनजर अपनी सरकार को ‘किसान हितैषी’ दिखाने के एजेंडा के तहत 13 जनवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का गुणगान किया और योजना के पांच साल पूरा होने को लेकर किसानों को बधाई दी थी. अपने एक ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि इस योजना ने प्रकृति के प्रकोप से किसानों को बचाया है और करोड़ों किसानों को...

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नरेंद्र मोदी के लिए राजनीतिक मुसीबत बन सकती है सरकारी संपत्तियों की थोक बिक्री

-द वायर, राजनीतिक-आर्थिक सुधारों के प्रति रवैये की बात करें, तो 2021 के नरेंद्र मोदी, 2015 के नरेंद्र मोदी से काफी अलग नजर आते हैं. इन दो अलग-अलग रवैयों के पीछे के कारण और प्रेरणाएं अपने आप में अध्ययन का विषय हैं. 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के ड्राफ्ट बजट प्रस्तावों को यहां याद किया जा सकता है. उस समय के सुधारों का केंद्रबिंदु आखिरकार सरकार के नियंत्रण में रह जानेवाले...

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बैड बैंक और निजीकरण: बैंक फॉर सेल

-आउटलुक, “सरकारी बैंकों में निजी निवेश के लिए उसका एनपीए कम होना जरूरी है और बैड बैंक इसमें मददगार होगा, इसलिए बैंक निजीकरण और बैड बैंक का गठन, दोनों फैसलों को एक-दूसरे से जोड़कर देखा जाना चाहिए” एस.के. सिंह इन दिनों एक बैंक की बहुत चर्चा है- बैड बैंक। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को बजट में इसका जिक्र किया, जिस पर बाद में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास...

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सौ दिन छूते किसान आंदोलन के बीच तीन कृषि कानूनों को फिर से समझने की एक कोशिश

-जनपथ, OPEN SPACE सौ दिन छूते किसान आंदोलन के बीच तीन कृषि कानूनों को फिर से समझने की एक कोशिश March 3, 2021 - by चौधरी सवित मलिक - Leave a Comment             तीन महीने हो चुके हैं दिल्ली के चारों तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता के चलते किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। 250 से अधिक किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। आखिर सरकार...

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मोबाइल कंपनियां अपमानित करने की हद तक आम जिदंगी में घुस गई हैं

-न्यूजलॉन्ड्री, देश में मोबाइल सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां अपने उपभोक्ताओं के लिए कई तरह के रिकॉर्ड संदेश प्रसारित करती है. इन संदेशों का नागरिक व मानव अधिकारों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार व उसके मातहत वाली संस्थाओं व आम नागरिकों के संवेदनशील प्रतिनिधियों की समिति द्वारा अध्ययन किया जाना चाहिए. मंत्री, ट्राई और संसदीय समिति के नाम पत्र में यह उदाहरण दिया गया है मोबाइल कंपनियां अपने रिकॉर्ड किए गए एक संदेश...

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