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बिहार ने दिया है वाम दलों को और मज़बूती से जनता की लड़ाई लड़ने का जनादेश

-न्यूजक्लिक, बिहार चुनाव के सभी परिणाम आ गए है कांटे की टक्कर में एनडीए गठबंधन की जीत हुई और महागठबंधन की हार हुई। लेकिन इस नतीजे तक पहुंचने में बहुत समय लगा और मंगलवार देर रात तक इसका निर्णय हुआ की कौन विजेता है परन्तु इस चुनाव के शुरुआती रूझानों ने यह सत्यापित कर दिया था कि वामदल इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने जा रहे हैं। वाम दलों ने 1995...

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बिहार एक बार फिर देश को रास्ता दिखा सकता है, रोज़गार बन रहा है चुनाव का केंद्रीय सवाल

-न्यूजक्लिक, बिहार चुनाव में मोदी जी की सीधी एंट्री 23 अक्टूबर से होने जा रही है। पहले चरण के चुनाव के एक सप्ताह पूर्व। वैसे उनके नम्बर दो के स्टार प्रचारक योगी जी 20 अक्टूबर से मैदान में उतर रहे हैं। (अपना हाथरस, बलिया वाला रामराज का UP मॉडल लेकर! ) सवाल यह है कि NDA के हाथ से जो बाजी निकलती जा रही है, क्या वे इसे पलट पाएंगे? चुनाव की घोषणा...

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हाथरस: अन्याय के ख़िलाफ़ हर मोर्चे पर लड़ रहे ये लोग कौन हैं?

-सत्यहिंदी, “जो हाथरस जा रहे हैं, उनके चेहरे देखिए। ये वही हैं जो नागरिकता के नए कानून (सीएए) का विरोध कर रहे थे।” यह सावधान करने के अंदाज में बताया जा रहा है। मानो पेशेवर अपराधियों से सावधान किया जा रहा हो। कहा गया कि इन सबके पोस्टर हमने चौराहों पर लगवाए थे। ये वही हैं जो हाथरस में उस दलित लड़की के परिवार के साथ हमदर्दी जताने पहुँच रहे हैं।...

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संविधान और बराबरी की बात करने वाले उमर खालिद से क्यों डरती है सरकार

-कारवां, 13 सितंबर की आधी रात को खबर मिली कि उमर खालिद को लोधी कॉलोनी स्थित दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के कार्यालय में कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से झारखंड के आदिवासी इतिहास में पीएचडी करने वाले उमर को एक साजिश में तथाकथित भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि फरवरी के अंतिम...

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सोशल मीडिया की बुराइयों से निपटने के लिए अच्छाई को उसी का उपयोग करने की तरकीबें सीखनी होंगी

-सत्याग्रह, घृणा का भूगोल इस पर, बार-बार अनेक क्षेत्रों में, चिन्ता बढ़ रही है कि भारतीय समाज में घृणा और भेदभाव लगातार फैल रहे हैं. हमारा समय इस मामले में लगभग अभूतपूर्व है कि उसमें घृणा, भेदभाव, हत्या और हिंसा को उचित मानने वाले इतने अधिक हो गये हैं. यह भी पहली बार है कि इन वृत्तियों को फैलाने के साधन बहुत बढ़ गये हैं, अत्यन्त सक्षम हैं और उनकी पहुंच हमारी...

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