डाउन टू अर्थ, 15 फरवरी पश्चिम बंगाल में जादवपुर विश्वविद्यालय के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर तारित रॉयचौधरी ने चेताया है कि अगर प्रभावी रणनीति न अपनाई गई तो आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रदूषण देश में गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। डॉक्टर तारित रॉयचौधरी का कहना है कि आर्सेनिक प्रदूषण के मामले में पश्चिम बंगाल की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। रॉयचौधरी...
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कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?
मोंगाबे हिंदी, 5 जनवरी उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला। समय के साथ इस अवधारणा को अलग-अलग तरीकों से लिया गया जिससे ‘कार्बन मूल्य निर्धारण’ की अवधारणा सामने आई। विश्व बैंक के अनुसार कार्बन मूल्य निर्धारण एक उद्योग द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण से नुकसान की भरपाई के लिए...
More »क्या है जीएम सरसों? इसके खिलाफ क्यों उठ रहे हैं विरोध के सुर?
गाँव सवेरा, 11 नवम्बर पर्यावरण मंत्रालय के जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी की ओर से जीएम सरसों के उत्पादन की मंजूरी मिलने के बाद इसका विरोध होना शुरू हो गया है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे देश की जैव विविधता को खतरा हो सकता है। फिलहाल इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर 10...
More »एफसीआई गोदाम में सड़ते अनाज में लगे सुसरी कीट, गंभीर जैविक प्रदूषण के लिए एनजीटी ने दिया जांच का आदेश
डाउन टू अर्थ, 02 नवम्बर पंजाब के पटियाला में सरहिंद रोड पर फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के गोदाम में भंडारित अनाज का सही प्रबंधन न होने के कारण वह सड़ने लगा है। इस सड़ते हुए अनाज में सुसरी कीटों (फ्लोर बीटल) लग गए है जो कि आस-पास के क्षेत्रों में लोगों के लिए गंभीर जैविक प्रदूषण की परेशानी का सबब बन चुके हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने याचिकाकर्ता एचसी सिंगला...
More »जीएम सरसों: एमएनसी का मायाजाल
पत्रिका, 28 अक्टूबर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मायाजाल बढ़ता जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किए गए जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) सरसों की किस्म डीएमएच-11 (धारा मस्टर्ड हाइब्रिड) को जेनेटिक इंजीनियरिग अप्रेजल कमेटी (जेइएसी) से एनवायरमेंटल रिलीज की अनुमति मिल जाना बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मायाजाल का ताजा विस्तार है। जेइएसी की बैठक में डीएमएच-11 को चार साल के लिए मंजूरी दी गई है। अगले दो साल तक इंडियन काउंसिल ऑफ...
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