वर्ष 2016 को लेकर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक सूची में कुल 188 देशों में भारत पिछले साल के 130वें स्थान से एक पायदान नीचे लुढ़ककर 131वें नंबर पर जा पहुंचा है, जबकि नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी और इसके विपरीत असर के बावजूद हमारी कुल सकल आय यानी जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की प्रभावशाली...
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शिक्षा से सामाजिक सद्भाव-- जगमोहन सिंह राजपूत
यह हर राष्ट्र का पहला कर्तव्य है कि वह अपना भविष्य संवारने के लिए वर्तमान का लगातार वस्तुनिष्ठ विश्लेषण और तदनुरूप तैयारी करता रहे। लोकतंत्र में सर्वमान्य नीतियों का निर्माण बहुधा कठिन हो जाता है। फिर भी जब राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में होती है तो सब मतभेद भुला दिए जाते हैं, उसी प्रकार भविष्य की पीढ़ी को सुचारु रूप से तैयार करने में भी राष्ट्रीय योजनाएं सभी की सहमति...
More »गलती बैंकरों की नहीं, सिस्टम की है-- आर सुकुमार
भारतीय बैंकर इन दिनों खुश नहीं हैं। खासतौर पर वे, जो इस उद्योग में दबदबा रखने वाले राष्ट्रीयकृत बैंकों में काम करते हैं। बीते आठ नवंबर के बाद से, जब से प्रधानमंत्री ने पुराने बड़े नोटों को चलन से बाहर करके उसकी जगह नए नोट लाने की घोषणा की है, बैंकरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। कभी-कभी तो उन्होंने सप्ताहांत में भी काम किया। उनका पाला न सिर्फ...
More »आदिवासियत का पंचशील-- नसीरुद्दीन
किसी खास समाज, समूह या समुदाय को वहां के मजबूत और सत्ता पर पकड़ रखनेवाले लोग किस नजर से देखते हैं, इसे समझने का एक पैमाना यह भी हो सकता है कि ये समूह किन मुद्दों के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं. देश के आदिवासी इलाकों से कुछ-कुछ दिनों पर जद्दोजेहद और जल-जंगल-जमीन की हिफाजत की गूंज सुनाई देती है. ताजा गूंज झारखंड से सुनाई दे रही है. पिछले दिनों...
More »मैकाले के मायाजाल से मुक्त होता देश-- आर सुकुमार
पिछले सप्ताहांत में मैं मुंबई में था। एक स्कॉलरशिप के लिए देश के प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों के बेहतरीन बच्चों का इंटरव्यू लेने की खातिर मुझे बुलाया गया था। मेरे साथ इंटरव्यू-बोर्ड में दो और सदस्य थे। उनमें से एक मशहूर वैश्विक कन्सल्टिंग कंपनी के चेयरमैन थे, तो बोर्ड के दूसरे सदस्य और मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई साथ-साथ की है। यह अलग बात है कि उसने टॉप किया था और मेरा...
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