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गोधरा मामले में सज़ा सुनाने वाले जज को रिटायरमेंट के बाद गुजरात सरकार में मिला न्यायिक अधिकारी का पद

गांधीनगर: 2002 के गोधरा ट्रेन हमला मामले में जज के रूप में 11 दोषियों को फांसी की सजा सुनाने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल पीआर पटेल को सेवानिवृत्त होने वाले दिन ही गुजरात सरकार ने विशेष अधिकारी (न्यायिक कार्यवाही) नियुक्त कर दिया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पीआर पटेल ने राज्य सरकार के कानून विभाग में 1 जनवरी से अपना नया पदभार संभाल लिया है. वह जून 2017 में उच्च...

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लैंगिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा साल--

साल 2018 भारत की महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। अधिकारों के नजरिए से देखें, तो उन्होंने फिर से अपना सही मुकाम हासिल किया। यह वर्ष देश की शीर्ष अदालत द्वारा महिलाओं के पक्ष में ऐतिहासिक फैसले सुनाने का भी गवाह बना। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को रद्द किया, महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में पूजा-अर्चना के सांविधानिक अधिकार दिए, ‘तीन तलाक' खत्म किया, एडल्टरी यानी व्यभिचार को...

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नासिक: क़र्ज़ के कारण लगाई फांसी, आत्महत्या करने वाले किसानों का आंकड़ा 108 पर पहुंचा

नासिक: महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक किसान ने चार लाख रुपये के कर्ज के कारण शनिवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. स्थानीय अधिकारियों ने दावा किया कि मौजूदा वर्ष में इस क्षेत्र में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 108 पर पहुंच गई है. तहसीलदार ज्योति देवरे ने बताया कि नीलेश धर्मराज हयालिज (28) ने जिले के मालेगांव इलाके में मौजे-वजीरखेड़े गांव में शनिवार को सुबह करीब नौ...

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मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल

मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...

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मी लॉर्ड! देश आपको देख रहा है-- शशिशेखर

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा इंसाफ के सबसे बड़े ओहदे से अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। बतौर प्रधान न्यायाधीश उनका 13 महीने लंबा कार्यकाल तमाम वजहों से लंबे समय तक याद किया जाएगा। भारतीय न्यायपालिका के गौरवपूर्ण इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब समूची न्याय-व्यवस्था आम आदमी की बतकही का हिस्सा बनी और बनती चली गई। इस दौरान कुछ ऐसे सवाल उठे, जिन पर समीक्षकों ने आनन-फानन में फैसला सुना दिया। ऐसा...

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