-इंडिया वाटर पोर्टल, भारत का जल संकट किसी से छिपा नहीं है। हर साल गर्मियों के दौरान जल संकट का भयानक रूप सामने आता है। इस बार ऐसे समय में जल संकट गहराने लगा है, जब भारत सहित पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। किसी इलाके में दो दिन में एक बार पानी की सप्लाई की जा रही है, तो कुछ इलाकों में दिन में एक बार ही नलों...
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बिना किसी रसायन के इस शख्स ने 100 स्क्वायर मीटर में उगाया फ़ूड फोरेस्ट!
-द बेटर इंडिया, विपेश गर्ग पेशे से बागवानी विकास अधिकारी और दिल से एक बागबान हैं। जब विपेश गर्ग बड़े हो रहे थे, वह अक्सर पड़ोसी घरों से पौधे चोरी करते और मुसीबत में पड़ जाते थे। एक बार तो उनके पड़ोसी ने अपने घर से इनडोर पौधों को चुराने के आरोप में उन्हें पुलिस को सौंप दिया था। एक बेहद दिलचस्प बात यह है कि 13 साल बाद, उसी पड़ोसी ने...
More »जल संकट से बढ़ेगा कृषि संकट
-इंडिया वाटर पोर्टल, प्रांरभ से ही भारत में खेती की जा रही है। भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि ही है, जहां 51 प्रतिशत भाग पर कृषि, 4 फीसद पर चारागाह, 21 फीसदी पर वन और 24 बंजर भूमि है। देश के 52 प्रतिशत भाग की आजीविका कृषि और इससे संबंधित उद्योगों व कार्यों पर निर्भर है। चीन के बाद भारत गेंहू और...
More »खरपतवार के साथ प्राकृतिक खेती -बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद शहर से कुछ ही दूरी पर है टाइटस फार्म। होशंगाबाद भोपाल सड़क मार्ग पर नर्मदा नदी के तट पर स्थित इस इलाके में प्राकृतिक खेती होती है जोकि जमीन की जुताई किए बगैर की जाती है। इस इलाके में फसल के अवशेषों को जलाने के बजाय उससे भूमि ढकाव करते हैं, जिससे खेत में नमी रहती है और जल संचय होता है। उसमें पनपने वाले केंचुए और...
More »अरुधंति रॉय: क्षितिज पर मदद का कोई निशान नज़र नहीं आता
प्यारे दोस्तो, साथियों, लेखको और फ़नकारो! यह जगह जहां हम आज इकठ्ठा हुए है, उस जगह से कुछ ज़्यादा फ़ासले पर नहीं है जहां चार दिन पहले एक फ़ासिस्ट भीड़ ने— जिसमें सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से भाषणों की आग भड़क रही थी, जिसको पुलिस की सक्रिय हिमायत और मदद हासिल थी, जिसे रात-दिन इलेक्ट्रॉनिक मास-मीडिया के बड़े हिस्से का सहयोग प्राप्त था, और जो पूरी तरह आश्वस्त थी कि अदालतें...
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