-गांव कनेक्शन किसान जब फसल खड़ी करता है तो बुवाई से कटाई तक असिंचित क्षेत्रों में 15000-20 हजार और सिंचित क्षेत्रों में 40 हजार रुपए तक प्रति एकड़ लगा चुका होता है। वो पैसा मिट्टी में गया होता है। फसल क्या आएगी कुछ पता नहीं होता है। बारिश, ओले गिरे तो सब बर्बाद, इसलिए फसल बर्बाद होने पर किसान को शत प्रतिशत मुआवजा मिलना चाहिए।" कृषि अर्थशास्त्री विजय जावंधिया कहते हैं। पुणे...
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नरेगा संघर्ष मोर्चा 2020-21 में नरेगा के लिए पर्याप्त बजट की मांग करता है
जैसे कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुर्बल हो रही है, सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के कामकाज में सुधार के लिए हाल ही में नोबेल पुरुस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी सहित कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गई सलाह को नज़रअंदाज़ कर रही है। अर्थव्यवस्था को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। भारत में वर्तमान समय में पिछले 45 वर्षों में सर्वाधिक बेरोजगारी की दर हैऔर खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर 2019 में दो अंको पर पहुंच गई है , जो पिछले 71 महीनो में सर्वाधिक है । सरकार के स्वयं...
More »क्या सचमुच सरकार ने किसानों को फसल की लागत का ड्योढ़ा मूल्य दिया है?
आर्थिक मामलों की काबीना समिति की हाल की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक साल 2019-20 में बिक्री के लिए तैयार खरीफ की तमाम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से कम से कम 50 फीसद ज्यादा घोषित किया गया है. नये बजट के पेश होने के दो दिन पहले जारी इस आधिकारिक घोषणा से ऐसा जान पड़ता है मानो केंद्र की नयी सरकार ने अपना वादा निभाया है और किसानों को उनकी फसल...
More »निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कवरेज भी घटा !
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बजट-आबंटन अंतरिम बजट (2019-20) में घट गया है. एक तथ्य यह भी है कि फसल बीमा योजना पिछले दो सालों से अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रही है. बजट-आबंटन घटने की एक वजह यह भी हो सकती है. साल 2017-18 की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति बताने वाले दस्तावेज में कहा गया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पीएमएफबीवाय) की कवरेज सकल फसलित क्षेत्र...
More »प्रति बूंद अधिक फसल योजना : दिन भर चले अढ़ाई कोस!
दो में दो को जोड़ने से हमेशा चार ही आये यह जरुरी नहीं- वह पांच..सात..दस कुछ भी हो सकता है. बात विचित्र लगती हो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत चलाये जा रहे ‘प्रति बूंद अधिक फसल' के आंकड़ों पर गौर कीजिए. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के डैशबोर्ड पर दिख रहा आंकड़ा बताता है कि ‘प्रति बूंद-अधिक फसल' कार्यक्रम के तहत वित्तवर्ष 2017-18 में 11.25 लाख हेक्टेयर जमीन माइक्रो-सिंचाई के अंतर्गत लायी गई...
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