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जलवायु परिवर्तन, पानी में खारापन, मासिक धर्म की समस्याएं: कैसे तमाम बाधाओं से जूझ रहीं हैं सुंदरवन की महिलाएं

दिप्रिंट, 18 सितम्बर  जलवायु परिवर्तन ने पश्चिम बंगाल के सुंदरवन क्षेत्र में पानी को खारा कर दिया है, जिससे कृषि अव्यवहारिक हो गई है और लोगों को मछली पकड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यहां दलदली भूमि क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए, यह बदलाव न केवल आजीविका से संबंधित है, बल्कि वे अपने जीवन पर पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभावों से भी जूझ रही हैं. खेतों के पोषण को...

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जनसंख्या में हो रही बढ़ोतरी को धीमा करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाना होगा

विश्व जनसंख्या दिवस पर UNDESA की रिपोर्ट आती है. रिपोर्ट वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के बारे में अनुमान लगती है. 15 नवंबर, 2022 तक विश्व की जनसंख्या बढ़ कर 8 बिलियन हो जाएगी साथ ही वर्ष 2023 में भारत चीन को पछाड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा.  रिपोर्ट आने के साथ ही जनसंख्या वृद्धि का मुद्दा फिर से आमजन की बातचीत का विषय बन गया. इसी रिपोर्ट...

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धार बांध रिसाव मामला, फिलहाल खतरा टला, लेकिन सवालों के जवाब बाकी

डाउन टू अर्थ,15 अगस्त  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 280 किलोमीटर दूर धार जिले में कोठिदा गांव के पास कारम नदी पर निर्माणाधीन कारम बांध से पैदा होने वाले खतरा फिलहाल टल गया है, लेकिन अभी भी कई सवाल ऐसे हैं, जिसका जवाब ढूंढ़ा जाना जरूरी है। निर्माणाधीन कारम बांध में ग्रामीणों ने 10 अगस्त 2022 को को एक हिस्से में रिसाव देखा था। 12 अगस्त को मिट्टी के इस...

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कारम नदी पर बने कच्चे डैम के टूटने का खतरा,11 गांव खाली कराए-ट्रैफिक डायवर्ट

 क्विंट हिंदी, 13 अगस्त मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में कारम नदी पर बने कच्चे डैम पर खतरा मंडरा रहा है. नालक्षा विकासखंड में कोठिदा गांव के पास मिट्टी बांध में रिसाव शुरू हो गया. इससे बांध की सुरक्षा खतरे में है. कच्चे बांध से रिसाव का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की नींद खुली. जिसके बाद पिछले दो दिनों से मरम्मत का काम जारी है. वहीं एहतियात...

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बांध से होने वाले फायदों के लिए क्यों चुकानी पड़ रही है भारी पर्यावरणीय कीमत

न्यूज़लॉन्ड्री, 11 अगस्त  दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं. मिड्ज़ी निर्बाध बहने वाली धाराओं, जो जलीय और स्थलीय जैव विविधता के लिए संपर्क के माध्यम का काम करती हैं, उनको प्राकृतिक स्थिति में रखने की वकालत करते हैं. लेकिन वह यह भी कहते हैं कि वह ‘बांध विरोधी व्यक्ति’...

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