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जेटलीजी तो खेल कर गये-- योगेन्द्र यादव

‘बधाई हो, आपकी मेहनत रंग लायी!' बजट के अगले दिन एक दोस्त से मिली इस बधाई से मैं हैरान था. ‘किस बात की बधाई?' मैंने पूछा. ‘अरे, अरुण जेटली ने आपकी मांग मान ली?' ‘कहां मानी?' मैं अब भी हैरान था. 'भई आप यही मांग रहे थे न कि किसान को उसकी लागत का ड्योढ़ा दाम मिले? मैंने खुद सुना कि वित्त मंत्री ने घोषणा की और कहा कि...

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बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी

भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...

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बेसहारा बच्चों की फिक्र किसे है--- विशेष गुप्ता

आज किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत सारी की सारी कवायद कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों की उम्र को लेकर हो रही है यानी किस उम्र तक किशोर न्याय अधिनियम लागू करना उचित होगा और किस उम्र के बाद दंड प्रक्रिया संहिता लागू होनी चाहिए। इसी सिलसिले में कुछ चर्चा अपराध की प्रकृति को लेकर भी होती रही है। पर अनाथ, बेसहारा व नशे की गिरफ्त में आने वाले बच्चों...

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नक्सली दहशत : गांव है पर रह नहीं सकते, खेत है पर बो नहीं सकते

राजेश शुक्ला, कांकेर। गांव है, पर रह नहीं पाते। खेत है, पर जोताई नहीं कर पाते। रिश्तेदार हैं, पर उनके साथ रहकर दुख-सुख नहीं बांट पाते। यह हाल है अनिल, चंद्रूराम, रामप्रसाद, बंसीलाल जैसे सैकड़ों किसानों का, जो नक्सली दहशत के चलते अपना गांव, घर-द्वार छोड़कर कई साल से दूसरे गांव में बसे हुए हैं। इनका इससे भी बड़ा दर्द यह है कि आज जब छत्तीसगढ़ सरकार धान बोनस बांट रही...

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मजदूरी का पहिया -- जयराम शुक्ल

कुछ दिन पहले अपने मध्यप्रदेश के ओरछा से जाते हुए पन्ना से गुजरना हुआ। रास्ते में सामने से आती हुई एक के बाद एक बसों को देखकर चौंका। चौंकने की वजह थी, किसी में गुनौर से गुड़गांव तो किसी में पवई से रोहतक लिखा था। कई और बसों से भी वास्ता पड़ा, जिनमें हरियाणा और पंजाब के शहरों के नाम लिखे थे। पहले तो खयाल आया कि संभव है ये...

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