SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 100

700 से ज़्यादा परिवारों तक सीधा खेतों से पहुंचा रहे हैं ताज़ी सब्जियां

-द बेटर इंडिया, बाज़ार और दुकानें कई दिनों से बंद हैं। ऐसी परिस्थिति में देश भर के किसानों को वित्तीय हानि के साथ-साथ फसलों के नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। कर्नाटक के किसान, श्रीधर की बात करें तो देश भर में कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए 24 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण उन्हें अबतक तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के पहले...

More »

कोरोना संक्रमण : एशिया की सबसे बड़ी मंडी में 50 फीसदी गिरावट, 40 हजार मजदूरों पर संकट

- डाउन टू अर्थ, “यहां कोरोना संक्रमण से क्या बचाव करें ? हम जांच और पूरी सुरक्षा के साथ किसी तरह भी अपने अपने घर लौटना चाहते हैं। यहां काम कुछ बचा नहीं है। न बाहर से सब्जियों के वाहन आ रहे हैं और न ही खरीदार। पहले व्यस्त दिनों में 700 से 800 रुपये तक कमा लिए करते थे, इन दिनों 100-150 रुपये तक मिलना मुश्किल हो गया है।”   करीब...

More »

नौ मौतों के बाद केरल में किसानों की क़र्ज़ अदायगी पर 31 दिसंबर तक रोक लगी

तिरुवनंतपुरम: केरल में पिछले दो माह में कर्ज में डूबे कम से कम नौ किसानों की मौत के बाद मुख्यमंत्री पी. विजयन ने मंगलवार को कई राहत उपायों की घोषणा की. इनमें किसानों द्वारा लिए गए सभी तरह के कर्जों की अदायगी पर 31 दिसंबर तक रोक शामिल है. कैबिनेट बैठक के बाद विजयन ने पत्रकारों को बताया कि वाम सरकार ने किसानों की कर्ज अदायगी पर रोक की सीमा को...

More »

कमार आदिवासियों की देसी खेती-- बाबा मायाराम

छत्तीसगढ़ के राजिम-नवापारा में मुझे कुछ समय पहले जाने का मौका मिला। वहां सामाजिक कार्यकर्ता रामगुलाम सिन्हा रहते हैं। उन्होंने मुझे उनकी प्रेरक संस्था के काम को देखने के लिए बुलाया था। वे गरियाबंद के कमार आदिवासियों के बीच में लम्बे समय से काम कर रहे हैं।   कमार, आदिम जनजातियों में एक हैं। जो अब भी उनकी पारंपरिक जीवनशैली के करीब हैं और निर्धन हैं। यह आदिवासी गरियाबंद, छुरा और...

More »

बदल रही है परहिया समुदाय की जिंदगी

लातेहार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर औरंगा नदी के किनारे स्थित है उचुवाबाल. यह मनिका प्रखंड की रॉकी कलां पंचायत के लंका गांव का टोला है. इस टोले में परहिया समुदाय के 80 परिवार हैं. उनकी जीविका का एकमात्र जरिया हैं जंगल की उपज. इन वनोत्पादों को एकत्र करना और उन्हें बाजार में बेचना यही उनके आर्थिक जीवन का आधार है. इसके अलावा उच्च जाति के लोगाों के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close