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आत्मनिर्भर बन रही हैं केरल की आदिवासी महिलाएँ

बाबा मायाराम, पालक्काड़ “हम जल, जंगल और जंगली जानवरों का संरक्षण करने के साथ-साथ आदिवासियों की आजीविका को भी बचाने की कर रहे हैं। जंगल से हम उतना ही लेते हैं, जितनी जरूरत होती है। जंगली जानवरों के लिये को उनके पसंद के फल, फूल, पत्ते और कंद छोड़ देते हैं; जिससे वे भी जिये और जंगल की जैव-विविधता भी बनी रहे।” यह मंजू वासुदेवन थीं, केरल के त्रिचूर जिले में ‘फॉरेस्ट...

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त्रिपुरा की रानी अनानास सहित पूर्वोत्तर के 13 फलों और सब्जियों को मिला जीआई टैग

रूरल वॉयस, 15 मई त्रिपुरा की रानी अनानास सहित पूर्वोत्तर में उगाई जाने वाली 13 फलों और सब्जियों को जीआई टैग मिला है। केंद्रीय उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमएसी) के इस ऐतिहासिक पहल के तहत पूर्वोत्तर के 800 किसानों को जीआई टैग का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत किया गया है। इन फलों और सब्जियों पर इन किसानों का बौद्धिक संपदा अधिकार...

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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं आंध्र प्रदेश की महिला किसान

इंडियास्पेंड, 3 मई एक नीम के पेड़ की छाया में अपने छोटे से एक कमरे के घर के सामने पी. मैरी अपने छह महीने के जुड़वां पोते को दुलारती हैं। जैसे ही गर्मी कम होती है और हवा चलती है, मैरी अपने पति मनोहर और सबसे छोटी बेटी श्रीलेखा के साथ पास की एक एकड़ भूमि पर चली जाती हैं। उस जमीन पर उन्होंने एक सप्ताह पहले ही केले की खेती...

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नए कीटनाशक प्रबंधन विधेयक से पर्यावरण और जनता को नुकसान, कारोबारियों को फायदा

-कारवां, महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 6 अगस्त 2021 की रात 42 साल के एक किसान की कीटनाशक जहर से मौत हो गई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विनोद मसराम चव्हाण अपनी कपास की फसल को घातक गुलाबी बॉलवर्म से बचाने के लिए कीटनाशक नुवाक्रॉन का छिड़काव करते समय उसके संपर्क में आ गए थे. कीटनाशक में मोनोक्रोटोफोस होता है जो एक जहरीला कंपाउंड है. यह अंतरराष्ट्रीय...

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प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार, बीएससी के बाद खेती शुरु करने वाले किसान की कहानी

-गांव कनेक्शन, सेठपाल सिंह का खेत किसी प्रयोगशाला से कम नहीं, अपने 15 हेक्टेयर खेत में वो धान, गेहूं, गन्ना जैसी फसलों के साथ ही लौकी, मिर्च, गोभी, मिर्च जैसी सब्जियों की खेती भी करते हैं। यही नहीं वो खेत में सिंघाड़े की भी खेती करते हैं, पिछले कुछ साल में उन्होंने कमल की भी खेती शुरू की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर किसान गन्ने की खेती ही करते हैं,...

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