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'भागे, लेकिन भाग नहीं पाए.....उन लोगों ने छाती पर चढ़कर मैला पिलाया'

-बीबीसी,  "गांव वालों से बचने के लिए हम लोग बहुत भागे, लेकिन उन लोगों ने हम लोगों को पकड़ लिया. रात भर पीटते रहे, ब्लाउज़ फाड़ दिया, साड़ी फाड़ डाला और छाती पर चढ़ कर मैला (मानव मल का घोल) पिलाया. सुबह गाछी में ले जाकर बाल काट दिए." मुज़फ़्फ़रपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में भर्ती 55 साल की सुदमिया देवी (बदला हुआ नाम) ने बीबीसी से फ़ोन पर ये बात बताई....

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"सरकार का पैसा वापस चला जाएगा"... इस अफवाह ने बढ़ा रखी है बैंकों के बाहर भीड़?

-गांव कनेक्शन,  तेज धूप के बाद एकाएक बारिश शुरु हो गई थी, लेकिन आशा देवी बैंक के बाहर लगी लाइन में खड़ी रहीं। उन्होंने अपना विड्राल फार्म पासबुक के अंदर रखकर पल्लू में छिपा लिया। आशा को न धूप से दिक्कत थी न बारिश से और ना ही भीड़ के चलते कोरोना से संक्रमित होने की आशंका, उन्हें अपने 500 रुपए की चिंता थी, जो सरकार ने उनके जनधन खाते में...

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कभी घर-घर सर्वे, कभी थोड़ी जासूसी, कभी ढोलक की थाप: कौन हैं ये गुमनाम "कोरोना वॉरियर्स", महामारी से लड़ती हुई ये दस लाख की पैदल सेना ?

-गांव कनेक्शन,  खबर पक्की थी। फोन गुपचुप आया था, "दीदी हमारे पड़ोस में बंबई से आये हैं।" उत्तर प्रदेश के अटेसुआ गाँव में शहर से वापस आये मजदूरों को कायदे से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने उनके तुरंत आने पर ऐसा नहीं करवाया था। गाँव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह (48) को पता था कि अगर प्रधान पर उन्होंने सीधे ऊँगली उठाई तो उनका विरोध...

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पंजाब: कोरोना से बचें तो भूख है, भूख से बचें तो पुलिस है और पुलिस से बचें तो प्रकृति है

-सत्याग्रह, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर पंजाब में अमरिंदर सिंह सरकार ने कर्फ्यू लगाया हुआ है. लोग-बाग अपने घरों में कैद हैं और जो बाहर निकल रहे हैं, उनकी अपनी-अपनी मजबूरियां हैं. कर्फ्यू के बीच बाहर निकलने वाले जायज लोगों को भी पुलिस की थुक्का-फजीहत बर्दाश्त करनी पड़ रही है. इस महामारी के दौर में भी यह बखूबी साबित हो रहा है कि ‘पुलिस (खासकर भारतीय) ‘पुलिस’ ही है...

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गृह मंत्रालय ने अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में 2018 में हुए सांप्रदायिक दंगों से संबंधित डेटा नहीं किया प्रकाशित

हाल ही में हुए दिल्ली दंगों में 45 से ज्यादा लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है. इसलिए देश में होने वाली सांप्रदायिक घटनाओं से संबंधित आधिकारिक आंकड़ों को देखना आवश्यक है. हम यह आंकड़े, गृह मंत्रालय (MoHA) की हर वर्ष जारी होने वाली वार्षिक रिपोर्ट, जिसमें विभिन्न वर्षों में सांप्रदायिक घटनाओं की संख्या के बारे में जानकारी मिलती है, से देख सकते हैं. इस रिपोर्ट में सांप्रदायिक घटनाओं...

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