-सत्याग्रह, पूरे देश में कोरोना वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और जम्मू-कश्मीर (जो कि अब एक केंद्र शासित राज्य है) में भी इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यहां अब तक 15 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस पॉज़िटिव मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से करीब 12 हजार मामले कश्मीर घाटी के 10 जिलों में ही हैं. करीब पौने दो सौ लोगों ने इस बीमारी से...
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राजनीति से प्रेरित है दिल्ली हिंसा की पुलिस जांच : अपूर्वानंद
-कारवां, अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर होने के साथ एक मानव अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत हिंदुत्व के उभार पर बेबाकी से लिखा और बोला है. पिछले साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे थे तो अपूर्वानंद ने इस कानून के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई. साथ ही वह...
More »आईसीएमआर या मंत्री-समूह की बैठकें नहीं, कोई ब्रीफिंग नहीं- कोविड मामलों में उछाल के बीच ‘पीछे हटती’ मोदी सरकार
-द प्रिंट, कोविड-19 पर मंत्री समूह (जीओएम) की आख़िरी बैठक, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने की थी, 9 जून को हुई थी. कोरोनावायरस संकट पर स्वास्थ्य मंत्रालय की आख़िरी ब्रीफिंग, उसके दो दिन बाद 11 जून को हुई थी. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की टास्क फोर्स की आख़िरी बैठक को, दो हफ्ते से ज़्यादा हो गए हैं. इधर भारत में कोविड-19 के मामले तेज़ी से बढ़कर 4,73,105...
More »भारत में आई एक ही आपदा ने PM, CM, DM जैसे तीन बड़े शक्तिशाली लोगों की पोल खोल दी है
-द प्रिंट, एक प्रमुख एवं जाने-माने सरकारी अधिकारी ने भारतीय शासन व्यवस्था के बारे में एक शानदार बात कही थी, कि यह तीन इंजनों से चलती है— पीएम, सीएम, और डीएम. यानी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जिला मजिस्ट्रेट. इस सटीक टिप्पणी के लिए मैं उन्हें जितना श्रेय दूंगा, उससे ज्यादा अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहूंगा. और यही चाहूंगा कि आगे मैं जो तर्क पेश करने जा रहा हूं उसका दोष उनके...
More »लॉकडाउन या नॉकडाउन
न्यूजप्लेटफार्म, मैं इस बहस में नहीं पडूंगा कि भारत कोरोना के सामुदायिक प्रसार के दौर में है या नहीं क्योंकि यदि नहीं भी है तो बहुत जल्द पहुंच जाएगा. पहले दिन से ही यह स्पष्ट है कि भारत में कोरोना के नियंत्रण के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन किया जाना सही नहीं है. उसकी जनसांख्यिकी, उसकी अर्थव्यवस्था, उसका सामाजिक पिछड़ापन और इस सब से ज्यादा उसके शासन का पिछड़ा रवैया, जवाबदेही का अभाव...
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