-द वायर, केंद्र सरकार ने मध्यम आकार के सरकार संचालित चार बैंकों का निजीकरण करने के लिए चयन किया है. तीन सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सरकार की भारी-भरकम हिस्सेदारी वाले इन बैंकों में सैंकड़ों-हजारों कर्मचारी काम करते हैं और बैंकिंग सेक्टर...
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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी
-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...
More »जरूरत से ज्यादा लोकतंत्र होने का भ्रम: बिना राजनीतिक आज़ादी के कोई आर्थिक आज़ादी टिक नहीं सकती
-द प्रिंट, अब यह बहस बेमानी है कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने जो यह कहा कि ‘हमारे यहां लोकतंत्र कुछ ज्यादा ही है’ उसका क्या मतलब है. आप उन लोगों के साथ भी जा सकते हैं जो इस बयान से नाराज हैं और इसे सीमित लोकतंत्र की मोदी सरकार की अवधारणा का एक बेबाक नौकरशाह के मुंह से किया गया खुलासा मानते हैं. या आप इस बृहस्पतिवार को ‘इंडियन...
More »किसानों के विरोध को ना मैनेज कर पाना दिखता है कि मोदी-शाह की BJP को पंजाब को समझने की जरूरत है
-द प्रिंट, भाजपा को राजनीति की कितनी समझ है? अगर आप इस तरह का सवाल पूछने की कोशिश भी करेंगे तो लोग आपसे यही कहेंगे कि जाइए पहले अपने दिमाग का इलाज करवाइए. इसमें कोई शक नहीं कि राजनीति की उसकी समझ और किसी और की समझ में उतना ही अंतर है जितना लोकसभा की 303 और 52 सीटों में अंतर है. तब आप शायद सवाल को और बारीकी से उठाएंगे और...
More »अमेरिका चुनावः बाइडन का रुख़ भारत से जुड़े कई मसलों पर ट्रंप से है अलग
-बीबीसी, डोनाल्ड ट्रंप को शिकस्त देने के साथ ही जो बाइडन का अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ़ हो गया है. 77 साल के बाइडन ओबामा प्रशासन के दोनों कार्यकाल में उप राष्ट्रपति रह चुके हैं. बाइडन का राजनीतिक सफ़र बहुत लंबा रहा है. बतौर उप राष्ट्रपति भी उनका अच्छा-ख़ासा अनुभव रहा है और उन्हें विदेश मामलों का जानकार माना जाता है. ऐसे में दुनिया के सबसे ताक़तवर मुल्क का राष्ट्रपति बनने के बाद...
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