छपरा : नाबार्ड के द्वारा जिले में 103 आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनाने की योजना के लिए सबसे बड़ी बाधा भूमि की अनुपलब्धता बन गयी है. जिले में अब तक महज 16 आंगनबाड़ी केंद्र ही बन पाये हैं. कुछ का काम समाप्ति की स्थिति में है. कुल 49 आंगनबाड़ी केंद्र भूमि की अनुपलब्धता के कारण न तो निर्माण की प्रगति में है और न कोई उम्मीद दिखती है. यदि भूमि नहीं मिली, तो...
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बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »बटाईदारी बिल नहीं होगा लागू
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की हाल की दिनचर्या पर जबर्दस्त अंदाज में प्रहार किया। अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा-'बड़े भाई को तो कुछ काम रह नहीं गया है। सुबह-सुबह राजपूत और भूमिहार जाति के गांवों में लोगों को फोन कर कह रहे हैं कि देख लिया न नीतीश कैसे छीन रहा है आपकी जमीन। अभी नहीं तो चुनाव के...
More »निर्णायक कार्रवाई, निशाने पर आदिवासी!
नई दिल्ली [इरा झा]। नक्सलियों पर निर्णायक कार्रवाई को लेकर सरकार इस बार गंभीर नजर आ रही है, मगर उसकी तैयारी अब भी अधूरी ही दिखाई पड़ रही है। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के लगातार आ रहे बयानों से ऐसा लगता है कि अब कभी भी नक्सल पीड़ित सात राज्यों में उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस बीच ऐसे विज्ञापनों के दौर भी चल रहे हैं, जिनसे...
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