जातिवार जनगणना की मृत्यु हो चुकी है और बिना किसी रुदाली के उसे दफना भी दिया गया है। इसकी कब्र पर अब रोने वाला भी कोई नहीं है। यह सब बेहद चुपचाप हुआ। 2017 के जुलाई महीने की छब्बीस तारीख को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। समिति की इस बैठक में फैसला किया गया कि सामाजिक-आर्थिक और...
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औपनिवेशिक दंश झेलती जनजातियां-- प्रमोद मीणा
वर्ष 1871 में औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश सरकार ने भारत की कुछ खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों को आपराधिक जनजाति अधिनियम (क्रिमिनल ट्राइबल एक्ट) पारित करके जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया। मुख्यधारा के समाजों से दूर रहने वाली इन जनजातियों को पुश्तैनी रूप से अपराधी मानते हुए उन्हें गैर-जमानती अपराध के दायरे में ला दिया गया। इन जनजातीय समुदायों में थे बावरिया, पारधी, कंजर, सांसी, बंजारा, गरासिया, सहरिया आदि। ये...
More »अब नर्सरी व पहली कक्षा में आरटीई से होगा 25% छात्रों का दाखिला
रायपुर, निप्र। शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत कम सीट दिखाकर गरीब पालकों के बच्चों का हक मारने वाले निजी स्कूल संचालकों को तगड़ा झटका लगा है। अब आरटीई में नर्सरी और पहली की कुल सीटों में से 25 फीसदी सीटें आरटीई के लिए आरक्षित करनी पड़ेगी। लिहाजा स्कूलों में आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ने से अधिक से अधिक हितग्राही बच्चों को नि:शुल्क पढ़ने का अवसर मिलेगा। अभी तक निजी...
More »बिहार में शराबबंदी का नया कानून आज से लागू
पटना : बिहार में शराबबंदी का नया कानून गांधी जयंती के दिन दो अक्तूबर से लागू हो जायेगा. इसकी अधिसूचना रविवार की सुबह जारी हो जायेगी. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की. शराबबंदी पर एक दिन पहले पटना हाइकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार इस मामले पर बोलते हुए कहा कि शराब का कारोबार नैतिक नहीं था. इस अनैतिक व्यापार से पांच हजार करोड़...
More »ताकि हर बच्चे को मिले अच्छी शिक्षा-- हरिवंश चतुर्वेदी
संख्या के आधार पर देखा जाए, तो दुनिया में भारत की स्कूली शिक्षा-व्यवस्था चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगी। देश के15 लाख स्कूलों में 26 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इन 15 लाख स्कूलों में 11 लाख सरकारी और चार लाख प्राइवेट स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों की संख्या 85 लाख है, जिनमें से 47 लाख अध्यापक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। हर वर्ष सालाना परीक्षाओं में जब...
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