बांदा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल पड़ा है। यहां का किसान घास की रोटी खाने को मजबूर है और केंद्र व प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ पर रखे बैठी है। सरकार की इस उदासीनता की बसपा निंदा करती है। अगले माह सत्र शुरू होने पर सदन में किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे। अलीगंज स्थित अपने आवास में सोमवार...
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लोकतंत्र को दबोचता बर्बर भीड़तंत्र-- उर्मिलेश
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 35 किमी की दूरी पर ग्रेटर नोएडा के एक गांव बिसायरा में सोमवार की रात कुछ लोगों ने संगठित ढंग से 50 वर्षीय अखलाक अहमद के घर पर हमला कर उसको मार डाला. अखलाक का 22 वर्षीय बेटा भी अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है. एकाएक हुए इस हमले, तोड़फोड़, लूटमार और हत्या की वजह क्या थी? एक अफवाह कि अखलाक गोमांस खाता...
More »सबसे बड़े हिरासती नरसंहार का सच- विभूति नारायण राय
हाशिमपुरा नरसंहार में आये कोर्ट के फैसले के बाद, भारतीय राज्य के लिए यह परीक्षा की घड़ी है. यदि आजादी के बाद के इस सबसे बड़े हिरासती नरसंहार में वह हत्यारों को सजा नहीं दिला पाया, तो उसका चेहरा पूरी दुनिया में स्याह हो जायेगा. उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित हाशिमपुरा में 1987 में हुए नरसंहार के आरोपित जवानों को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने ठोस सबूतों के...
More »गांधी और गोडसे- योगेन्द्र यादव
बीती 30 जनवरी को शहीद पार्क में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की मूर्ति के सामने खड़ा मैं शहीदों की विरासत के बारे में सोच रहा था। शहीदों की स्मृति अंगारे जैसी होती है, जो सुलगती है, सुलगाती भी है। वक्त के साथ इन अंगारों पर राख की परतें जमती जाती हैं। फिर ऐसा वक्त आता है कि ये अंगारे निरापद हो जाते हैं। ड्राइंग रूम की शोभा बढ़ाते हैं,...
More »जुर्म का गढ़ बनता जा रहा है यूपी- फरजंद अहमद
राजनीति की केमिस्ट्री की एक खासियत है कि जो चीज जितनी तेजी से बदलती है, वह उतनी ही तेजी से अपने मूल की ओर लौट भी जाती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में लगातार सांप्रदायिक दंगों और फिर रेप जैसी शर्मनाक घटनाओं पर हो रहे हंगामे में अखिलेश यादव सरकार उलझ गई है। इसकी वजह भी है। हर घटना इसी बात की ओर इशारा करती है कि देश का सबसे बड़ा...
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