सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था। कुल 1 हजार की तादाद में पगड़ियां थीं और उनका रंग मटमैलेपन के बीच पूरी शान...
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राजधानी के अफसर करेंगे नरेगा की जांच
बिलासपुर. सामाजिक अंकेक्षण और ग्रामसभाओं के बाद अब शासन राजधानी के सचिव स्तर के अधिकारियों से रोजगार गारंटी योजना के कार्यो की जांच कराने जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। बिलासपुर जिले में रोजगार गारंटी के कार्यो की जांच संचालक पंचायत एवं समाज सेवा जीएस धनंजय करेंगे। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार मंत्रालय के ये अधिकारी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत...
More »नरेगा का सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य : उपायुक्त
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान शिमला के तत्वावधान में मंगलवार को नरेगा एवं सामाजिक अंकेक्षण को लेकर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त कांगड़ा आरएस गुप्ता ने किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम सभा की बैठक के लिए कार्य सूची में नरेगा का सामाजिक अंकेक्षण एक अनिवार्य मद होगी। इसके बारे में सभी गांववासियों को सूचित किया जाएगा। नरेगा की धारा 17 में यह प्रावधान है कि...
More »सामाजिक अंकेक्षण ने खोली भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की राह
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सिलसिलेवार सामाजिक अंकेक्षण से नरेगा के कामों में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। सामाजिक अंकेक्षण की एक परिणति कई सरकारी अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने में हुई है । सामाजिक अंकेक्षण से नरेगा के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों को करोड़ों रुपये की बकाया मजदूरी का भुगतान भी हासिल हो सका है।(देखें कृपया नीचे दी हुई लिंक)।नरेगा के काम में...
More »भीलवाड़ा सोशल ऑडिट के सबक
३८१ ग्राम पंचायत, लगभग १६०० गांव और डेढ लाख से भी अधिक ग्रामीणों से रूबरू होते हुए भीलवाड़ा जिले में १ अक्तूबर से प्रारंभ हुआ सामाजिक-अंकेक्षण अभियान गुजरे १२ अक्तूबर को सामाप्त हुआ तो नरेगा और सूचना के अधिकार से जुड़ी कई सच्चाइयों से पर्दा उठा। सामाजिक अंकेक्षण के लिए कुल १३५ टोलियां निकली थीं और हर टोली में थे १५-१५ प्रशिक्षित सदस्य। ३८१ ग्राम पंचायतों की पदयात्रा के बाद...
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