केंद्र सरकार और उत्त प्रदेश सरकार की संयुक्त जाँच दल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अस्पताल में तीन दिन के अंदर समान्य से ज्यादा मौतों की जाँच कर रहा है। इस जाँच दल को पता चला है कि बीएचयू के अस्पताल में मरीजों को बेहोश करने के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जाता था जिसका प्रयोग मरीजों पर नहीं किया जाता। इस गैर का प्रयोग उन मरीजों पर किया...
More »SEARCH RESULT
महसूस क्यों नहीं हो रहे अच्छे दिन-- आर सुकुमार
इस समय भारत के आर्थिक माहौल के बारे में दो प्रतिस्पद्र्धी कहानियां हैं। दोनों की प्रकृति भले ही एक-दूसरे से अलग हो, लेकिन हैं दोनों सही। जेपी मॉरगन के मुख्य अर्थशास्त्री साजिद जेड चिनॉय की इन्हीं पंक्तियों के साथ आज मैं अपनी बात शुरू करना चाहता हूं। चिनॉय का यह लेख 19 जुलाई को मिंट में प्रकाशित हुआ था। शीर्षक था- इंडियन इकोनॉमी : अ टेल ऑफ टू नैरेटिव्स। जिन पाठकों...
More »जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी देश बनकर उभरा भारत
वाशिंगटन: विश्व बैंक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत अग्रणी देश बनकर उभर रहा है. उसने कहा कि एशियाई देशों में ऊर्जा के स्रोत के तौर पर सौर ऊर्जा धीरे-धीरे कोयले का स्थान ले रही है. विश्व बैंक ने प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट में कहा कि अपने लोगों को 2030 तक चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर ऊर्जा की ओर प्रतिबद्धता, नवोन्मेषी समाधान...
More »गंदा पानी और बैक्टीरिया से बिजली पैदा कर जलाया बल्ब
रायपुर। राज्य में तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण के बीच निकल रहे गंदे जल को संभालना, उसका उपचार और निपटान करना सरकार के लिए चुनौती है। ऐसे में पं. रविशंकर शुक्ल विवि के बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने इसके इस्तेमाल का अनोखा फॉर्मूला खोजा है। गंदे पानी में पनप रहे बैक्टीरिया में ऐसे इलेक्ट्रो बैक्टीरिया की खोज करके जैव बिजली उत्पन्न की है, जो कम लागत में महीनों तक बिजली पैदा करता है।...
More »एसी वाली कॉरपोरेट लाइफ छोड़ बनी किसान-- रचना प्रियदर्शिनी
तेजी से औद्योगिकीकरण की ओर बढ़ते इस मशीनी युग में जहां गांवों की अधिकतर आबादी बेहतर जीवन और सुख-सुविधाओं की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रही है, वहीं एक बेटी ऐसी भी है, जिसने कॉरपोरेट लाइफ की अच्छी-खासी जॉब को ठुकरा कर गांव में खेती करने के लिए वापस लौट आयी. इस बेटी का नाम है-अंकिता कुमावत. जानते हैं अंकिता के इस निर्णय की आखिर वजह क्या ...
More »