-द कारवां, डिजिटल न्यूज और सोशल मीडिया को नियंत्रण करने के लिए सरकार द्वारा हाल में उठाए गए कदम के पीछे वह रोडमैप है जो कोविड महामारी की चरम अवस्था में सरकार द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में बताया गया था. इस रिपोर्ट को जिस मंत्रियों के समूह या जीओएम ने तैयार किया था उसमें पांच कैबिनेट स्तरीय और चार राज्यमंत्री थे. उस रिपोर्ट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास...
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पंचतत्व: अवध की एक नदी का वध
-जनपथ, भारत दैट इज़ इंडिया में हमें जिसकी दुर्गति करनी होती है हम उसको मां कह देते हैं. गंगा मां की मिसाल तो आपको पता है ही. अपन दूसरा काम यह करते हैं कि उसको सजाने-धजाने में, चूनर चढ़ाने में या फिर आरती करने में लग जाते हैं. गंगा की आरती तो दशाश्वमेध पर होती ही थी, अब तो सुना कानपुर के गंधाते घाटों पर भी होती है. एक और फैशन...
More »न्यू इंडिया में रैडिकलाइजेशन की बढ़ती स्वीकार्यता
-द वायर, ‘भारत के मुसलमानों में दुनिया के मुसलमानों की तुलना में कम कट्टरता है. इसलिए भारत में आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन का खतरा नहीं.’ 2014 के बाद जो सरकार बनी थी उसके गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 नवंबर, 2017 को यह बयान दिया. उसके एक साल बाद हिंदुस्तान टाइम्स के एक कार्यक्रम में भारतीय मुसलमानों को शाबाशी देते हुए उन्होंने कहा कि ब्रेनवाश की तमाम कोशिशों के बावजूद भारतीय मुसलमानों ने रैडिकलाइजेशन नहीं होने दिया...
More »कार्यकारी (और) संपादक
-द कारवां, जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता से बाहर हो गए हैं और जो बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे, अनंत गोयनका ने एक ट्वीट किया : मैं आशा करता हूं कि बाइडन की जीत के बाद अमेरिकी समाचार मीडिया अपने पक्षपातपूर्ण तरीके के बारे में आत्मावलोकन करेगा. वह केवल अपने प्रति वफादारों और ईको-कक्ष समुदाय के पाठकों के बजाय अवश्य ही सकल आबादी के विचारों का...
More »क्या देश के किसानों ने अपने ‘रावणों’ की शिनाख़्त कर ली है?
-न्यूजक्लिक, रावण एक मिथकीय पात्र है। जिसे एक प्रवृत्ति के तौर पर देखा जाता रहा है। दशहरे के रोज़ इस मिथकीय पात्र का दहन किया जाता है जिसे असल में खराब प्रवृत्तियों के नाश के रूप में समाज द्वारा ग्रहण किया जाता है। दिलचस्प ये है कि समाज में मौजूद खराब प्रवृत्तियाँ हर साल पैदा हो जाती हैं और हर साल उनका नाश होता है। रावण का इस तरह हर साल...
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