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सर्दियों में कोहरा और वायु प्रदूषण: केवल दिल्ली-एनसीआर की समस्या नहीं रहा: सीएसई

-डाउन टू अर्थ, ठंड के समय में धुंध (कोहरा) के साथ में गंभीर वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसे आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक नवीनतम विश्लेषण में पाया गया है कि जब सर्दियों के दौरान प्रदूषण बढ़ता है तो यह पूरे उत्तर भारत में धुंध छाने जैसी घटनाएं देखने को मिलती हैं। इस संबंध में सीएसई की...

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स्मॉग एपिसोड 2021 : दिल्ली में मामूली सुधार, यूपी के शहsर की हवा अब भी गंभीर

-डाउन टू अर्थ, पटाखों के प्रदूषण का संकट एनसीआर में अब तक बरकरार है। वहीं, इस बीच पंजाब-हरियाणा में इस बार देरी से की जा रही धान की कटाई के बाद सघन तरीके से पराली जलाने का काम जारी है। 3 नवंबर, 2021 को दिल्ली की हवा में पराली प्रदूषण जहां 10 फीसदी था वहीं, 7 नवंबर तक यह 46 फीसदी पहुंच गया।  पराली संकट को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल...

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वायु प्रदूषण को रोकने के लिए 34 फीसदी देशों में नहीं हैं जरूरी कानून

-डाउन टू अर्थ, दुनिया के करीब एक-तिहाई देशों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी कानून नहीं हैं। वहीं जिन देशों में इस तरह के कानून मौजूद भी हैं, वहां इनमें और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों में काफी अंतर है। यह कानून काफी हद तक डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइन्स से मेल नहीं खाते हैं। वहीं करीब 31 फीसदी देश ऐसे हैं जिनके पास इन वायु गुणवत्ता मानकों...

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समय से पहले हो सकती ब्लैक कार्बन की वजह से मृत्यु, शोध में आया सामने

-डाउन टू अर्थ, हाल ही में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि ब्लैक कार्बन की वजह से समय से पहले मृत्यु हो सकती है। यही नहीं, ब्लैक कार्बन का इंसान के स्वास्थ्य पर अनुमान से कहीं ज्यादा बुरा असर पड़ता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अध्ययन भविष्य में वायु प्रदूषकों और उससे जुड़े मृत्युदर के बुझ का अधिक सटीक...

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एसओई 2021 : 2019 में वायु प्रदूषण के कारण अकेले पांच राज्यों में हुईं 8.5 लाख से ज्यादा मौतें

-डाउन टू अर्थ, वर्ष 2019 में 16.7 लाख मौतों का कारण वायु प्रदूषण रहा है, इनमें 50 फीसदी (851,698) मौतें महज पांच राज्यों में ही हुई है। इन पांच राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान का नाम शामिल हैं (नीचे  एसओई 2021 की सारिणी में विस्तार से देखें)। बड़ी जनसंख्या और प्रति व्यक्ति कम आय वर्ग वाले यह राज्य वायु प्रदूषण के कारण होने वाली समयपूर्व...

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