SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 117

यूक्रेन-रूस संघर्ष: गेहूं की कीमतों में हो सकती है 7.2 फीसदी की वृद्धि, बढ़ेगा उत्सर्जन

डाउन टू अर्थ, 20 सितम्बर कहते हैं कि युद्ध किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता। ऐसा ही कुछ रूस-यूक्रेन के बीच जारी टकराव के कारण भी हो रहा है। अनुमान है कि इस संघर्ष का खामियाजा सारी मानव जाति को झेलना पड़ेगा। ऊपर से सूखा और जलवायु में आता बदलाव समस्याओं को भड़काने में आग में घी का काम कर रहा है। इस युद्ध के कृषि और खाद्य कीमतों पर पड़ते असर...

More »

देश में गेहूं के आयात की कोई योजना नहीं, पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध: केंद्र सरकार

 दिप्रिंट, 21 अगस्त  भारत सरकार ने रविवार को जानकारी दी कि वो गेहूं का आयात नहीं करने जा रही है. सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को भी खारिज किया जिसमें गेहूं के आयात की बात कही जा रही थी. भारत सरकार के खाद्य विभाग ने रविवार को स्पष्ट किया कि देश गेहूं का आयात करने नहीं जा रहा है. विभाग ने ट्विटर के जरिए बताया, ‘भारत में गेहूं के आयात की अभी...

More »

मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

More »

गर्मियों तक ‘दुनिया का पेट भरने’ के इच्छुक भारत को सर्दियों में आयात करना पड़ सकता है गेहूं

दिप्रिंट ,08 अगस्त  गेहूं के बढ़ते थोक और उपभोक्ता मूल्यों को देखते हुए भारत को कुछ महीनों में इस मुख्य खाद्य पदार्थ के आयात की अनुमति देने की जरूरत पड़ सकती है. अगर भारत आयातक बना, तो यह एक बड़ा उलटफेर होगा—क्योंकि गर्मियों तक ‘दुनिया का पेट भरने’ का इच्छुक देश सर्दियों में इसकी कमी से जूझ रहा होगा. पिछले वर्ष (2021-22) की तुलना में जब भारत ने लगभग 7.2 मिलियन टन गेहूं...

More »

पहले गेहूं, अब चावल- खराब मौसम की मार के कारण इस सीजन में ‘10 मिलियन टन’ तक गिर सकता है उत्पादन

दिप्रिंट , 27  जुलाई अप्रैल-मई में भीषण गर्मी के कारण देश में गेहूं की फसल खराब हो गई थी, जिसकी वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और अब मौजूदा खरीफ सीजन की मुख्य फसल चावल की बुवाई कई राज्यों में कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में इस मानसून के मौसम में अब तक कम बारिश हुई है, जबकि असम...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close