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क्या भारत के कोविड डेटा पर विश्वास किया जा सकता है? देखिए यह आंकड़े

-न्यूजलॉन्ड्री, इस लेख में, हम हर दिन हर घंटे पैदा हो रहे कोविड से जुड़े डेटा को समझने का प्रयास करेंगे. लेकिन विस्तार में जाने से पहले आइए समझने की कोशिश करें कि इस लेख का उद्देश्य क्या है? लक्ष्य कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर लगता है कि बीत गई है. पिछले कुछ हफ्तों से, कोविड के रोजाना नए मामलों और प्रतिदिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन दूसरी लहर...

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यूनेस्को साइंस रिपोर्ट 2021: रिसर्च और टेक्नोलॉजी डेवल्पमेंट भारत का भविष्य तय करेगी!

वैज्ञानिक ज्ञान ने भयानक कोरोनावायरस और इसके प्रसार से निपटने में बहुत मदद की है. रिकॉर्ड कम समय के भीतर, वैज्ञानिकों (वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, बायोस्टैटिस्टियन, आदि सहित) और उनके शोध परिणामों ने आम लोगों को यह जानने में मदद की कि SARS-CoV-2 क्या है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है. आम लोगों को अब यह पता चल गया है कि कैसे सरल तकनीक और व्यवहार में...

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जिस तरह अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को जेल में मार डाला, उसी तरह भारत सरकार ने स्टेन को: स्वामी के साथी

-आउटलुक, "लेकिन हम फिर भी समूहों में गाएंगे,  पिंजरे में बंद पंछी अभी भी गा सकता है।" ये शब्द किसी और के नहीं बल्कि फादर स्टेन स्वामी के थे, जिन्होंने जेल से अपने एक साथी जेसुइट पादरी को लिखे पत्र में कहा था। दोनों हाथों में लगातार झटके के साथ तेज पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित स्टेन ने पत्र लिखने के लिए इस दर्द को उठाया, क्योंकि वो अन्य कैदियों की दुर्दशा को उजागर...

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आखिरकार मोदी सरकार ने बढ़ाई टीके की कीमत, कोविशील्ड के लिए 215 और कोवैक्सीन के लिए देगी 225 रुपए

-द प्रिंट, कई महीने तक कोविड-19 वैक्सीन्स की 150 रुपए प्रति डोज़ ख़रीद के बाद, मोदी सरकार ने आख़िरकार क़ीमतें बढ़ाने का फैसला किया है. ख़रीद की ताज़ा योजना के अनुसार, सरकार कोविशील्ड के लिए 215 रुपए, और कोवैक्सीन के एक डोज़ के लिए 225 रुपए अदा करेगी. सरकार ने अब 66 करोड़ अतिरिक्त ख़ुराकों का ऑर्डर दिया है, जो अगस्त से दिसंबर के बीच सप्लाई की जाएंगी, और जिनके लिए 14,500...

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केन-बेतवा लिंक: नए अध्ययन के बिना डेढ़ दशक पुराने आंकड़ों के आधार पर दो राज्यों में हुआ क़रार

-द वायर, किसी भी परियोजना के चलते पर्यावरण एवं जनमानस को नुकसान होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए उस प्रोजेक्ट की उपयोगिता एवं उसके प्रभावों पर स्वतंत्र रूप से गंभीर अध्ययन कराने की मांग की जाती रही है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इससे पड़ने वाले प्रभावों को कम किया जा सके व उससे हुई क्षति की उचित भरपाई हो सके. हालांकि जिस कार्य को करने में विशेषज्ञ महीनों...

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