मडुवा की खेती कर खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है. सीमांत किसानों के लिए यह आवश्यक है कि धान के अलावा वह वैकल्पिक खेती अवश्य करें. इसमें मडुवा, सरगुजा, कुरथी, गुंदली व दूसरे किस्म की फसल शामिल हैं, जो पानी की कम मात्र होने पर भी अच्छी उपज दे सकते हैं. वैकल्पिक खेती पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जैवप्रोद्योगिकी विभाग के...
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वन भूमि को बनाया डंपिग साइट
संवाद सूत्र, गरोला : जनजातीय क्षेत्र गरोला के अंतर्गत आती पिल्ली स्वाई सड़क निर्माण से निकला मलबा बेरोक टोक वन विभाग की भूमि पर डंप किया जा रहा है। जिसको लेकर न तो वन विभाग का स्थानीय कर्मचारी चिंतित है और न ही इस कार्य को अंजाम देने वाला लोनिवि और उसका ठेकेदार। जबकि उचित प्रतिक्रिया के अभाव में अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब...
More »रंग लाए पर्यावरण बचाने के लिए किए गए एकल प्रयास
रतलाम। प्रकृति से छेड़खानी के परिणाम लगातार लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं। कम हो रहे वन क्षेत्र और पेड़-पौधों की सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं देने से मौसम चक्र गड़बड़ा गया है। ठंड और गर्मी में बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं। इस मामले में कुछ सजग प्रहरियों के एकल प्रयास देखने में आए हैं। उनके प्रयास रंग भी लाने लगे हैं। आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस...
More »महोबा में कर्ज में डूबे किसान की मौत
महोबा। तंगहाली के कारण भुखमरी से जूझ रहे किसान प्रकृति प्रकोप के चलते टूटते चले जा रहे हैं। मंगलवार को बैंक का अचानक आया नोटिस देखकर श्रीनगर के अतरारमाफ के रहने वाले किसान कलूटा की सदमे से मौत हो गई। घटना से परिवारीजन में कोहराम मचा है। अतरारमाफ निवासी कलूटा ने वर्ष 2009 में त्रिवेणी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ननौरा से एक लाख 33 हजार का केसीसी बनवाया था। कभी सूखा तो...
More »नये मध्यवर्ग का चरित्र- पवन के वर्मा
भारत का युवा गणतंत्र संकट में है, और भारतीय मध्य-वर्ग इसमें मुखर प्रतिभागी और हाशिये पर खड़ा दर्शक बना हुआ है. इस द्वैध के कई कारण हैं. इतिहास में किसी वर्ग के लिए यह असामान्य नहीं रहा है कि वह अपने अंदर कहीं बड़ी संभावना रखता हो, लेकिन आम तौर पर उससे बेखबर हो तथा उस बड़ी भूमिका को निभाने के लिए उसकी उतनी तैयारी भी न हो. सामाजिक रूपांतरण की...
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