हैशटैग-मी टू की गुहार हमारे यहां भी पहुंच ही गई। इस अभियान के लिए शक्ति के पर्व से बेहतर मौका और क्या हो सकता है? हर दिन कुछ नए नाम सामने आ रहे हैं, नए खुलासे हो रहे हैं, बातें बन रही हैं। फिल्म जगत, मीडिया, मनोरंजन जगत, राजनीति... औरतें सामने आ रही हैं, बता रही हैं कि बरसों पहले उनके साथ क्या हुआ था? कइयों ने कहा, हमारे पास...
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मुद्रास्फीति पर निगरानी की नकेल- जगदीश रतनानी
नीतिगत रेपो दर में वृद्धि के दो चक्रों के बाद, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने इस बार एक विराम-सा लेकर उसके द्वारा बैंकों को दिये जानेवाले अल्प अवधि के ऋणों हेतु उनसे लिये जानेवाले ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित ही छोड़ दिया. ज्ञातव्य है कि इस दर में होनेवाला कोई बदलाव एक अरसे बाद अंततः बैंक से ऋण लेनेवालों को लगनेवाली ब्याज दर में...
More »वैश्विक तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो चौपट हो जाएगी खेती
यदि वैश्विक तापमान वृद्धि पर आईपीसीसी की रिपोर्ट में जताई गई चिंताओं पर संज्ञान नहीं लिया गया तो यह भारतीय कृषि के लिए घातक साबित हो सकता है। इसमें मानसून पैटर्न में बदलाव की आशंका के साथ गंगा घाटी के सूखे की चपेट में आने की भविष्यवाणी की गई है। इससे किसान, बेघर और गरीब तबाह हो जाएंगे। यह कहना है टेरी से जुड़ी पर्यावरणविद् एवं टेरी यूनिवर्सिटी की उपकुलपति...
More »किसान आंदोलन का नया स्वरूप- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
किसानों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि खेती किसानी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यह तो तय है कि जैसे-जैसे उत्पादन में उद्योग धंधे और पूंजी का महत्व बढ़ता जायेगा, वैसे-वैसे किसानों की हालत बिगड़ती जायेगी. दुनियाभर के पूंजीवादी देशों को देखकर लगता है कि बिना सरकारी सहायता के किसानों की हालत अच्छी नहीं हो सकती है. भारत में पूंजीवाद के बढ़ते कदम...
More »सशक्तीकरण के लिए स्वच्छ पर्यावरण- नरेन्द्र मोदी
संयुक्त राष्ट्र ने कल मुझे ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड' से सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करके मैं बहुत अभिभूत हूं। मैं महसूस करता हूं कि यह पुरस्कार किसी व्यक्ति के लिए नहीं है। यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों की स्वीकृति है, जिसने हमेशा प्रकृति के साथ सौहार्द बनाने पर बल दिया है। जलवायु परिवर्तन में भारत की सक्रिय भूमिका को मान्यता मिलना और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस व संयुक्त...
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