2001 की जनगणना के ही अलग-अलग आकड़ों के जोड़-घटाव से एक अहम सवाल उभरता है. पहले आंकड़े के मुताबिक देश के 8 करोड़ 50 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते. दूसरे आंकड़े में 5 से14 साल उम्र के एक करोड़ 30 लाख बच्चे मजदूर हैं. अगर 8 करोड़ 50 लाख में से 1 करोड़ 30 लाख को घटा दें, तो सात करोड़ 20 लाख बचते हैं. यह उन बच्चों की संख्या है...
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मनरेगा- कहीं नरम , कहीं गरम
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के बारे में ज्यादातर खबरें या तो उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की होती हैं या फिर योजना की कारआमली में हो रही ढिलाई की। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा पर कुल 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन शहराती मध्यवर्ग का एक बड़ा तबका और जनमत-निर्माता इसी पसोपेस में हैं कि आखिर इन रुपयों से कुछ सार्थक हो भी रहा है या नहीं। नुक्ताचीनी की बातों...
More »भू-अधिग्रहण बिल में जीविका का सवाल?
क्या सरकार आजीविका से वंचित होने वाले गरीबों की परेशानियों का ख्याल किए बगैर एक नया भू-अधग्रहण बिल लाने की तैयारी में है।जन-आंदोलनों और सामाजिक रुप से सक्रिय कई समूहों का आरोप है कि हरियाणा में पैसा दो-जमीन लो का जो मॉडल आजमाया जा रहा है या फिर मायावती सरकार जमीन पर कब्जे के लिए जो तरीके अख्तियार कर रही है वह भी अपनी जगह-जमीन से बगैर मुआवजा या पुनर्वास के उजड़ने वाले लोगों के...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1
अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
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