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आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?

जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...

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जनगणना हो गई पर छूट गए हजारों बेघर

नई दिल्ली.बेघरों के प्रति जनगणना अधिकारियों की बेरुखी ने जनसंख्या गणना की कवायद को मजाक बना दिया और बेघरों को अछूत। यह कहना है बेघरों के बीच काम करने वाले कई गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का। एनजीओ ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी ने दावा किया है कि दिल्ली में बेघरों की गणना में अपनाई गई प्रक्रिया किसी भ्रष्टाचार से कम नहीं है। दिल्ली के नांगलोई, पुराना ब्रिज, लोहा पुल इलाके में रहने वाले...

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दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011

अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...

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किसानों को हक दिलाने को होगा आंदोलन

टकी, झरिया : झारखंड कोलियरी श्रमिक यूनियन बीसीसीएल जोन का एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन सोमवार को पुटकी बलिहारी श्रमिक कल्याण केन्द्र में संपन्न हुआ। मजदूरों की मांगों एवं किसानों को हक दिलाने को ले प्रबंधन के विरुद्ध फरवरी माह तक आंदोलन का शंखनाद करने का प्रस्ताव पारित किया गया। यूनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष राज किशोर महतो ने संगठन को मजबूत बनाने पर बल दिया। कोल इंडिया प्रबंधन की मजदूर...

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मनरेगा - पांच साल दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना के

बहुत थोड़ी होती है पांच साल की अवधि फिर भी नरेगा की उपलब्धियां आवाक कर रही हैं। देश के सर्वाधिक गरीब में शुमार लोगों में से तकरीबन दस करोड़ ने बैंक या फिर पोस्ट-ऑफिस में बैंक अकाऊंट खोले हैं, लोग अपना अधिकार समझकर काम मांग रहे हैं, हजारों गांवों में कुएं-तालाब और ऐसे ही सामुदायिक इस्तेमाल के कई संसाधन तैयार हो रहे हैं, औरत हो या मर्द- दोनों को बराबर के काम के लिए बराबर की...

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