अब भी हमारे समाज में वे लोग मौजूद हैं, जिनकी कमीज उठाइए, तो पीठ पर गुरुजी की छड़ी के निशान होंगे. किसी की उंगली टेढ़ी, तो किसी की आंख में भी कुछ खराबी. पूछने पर बिना दांत के जबड़े हिलाते वे बड़े फख्र से कहेंगे- 'मैंने पंद्रह से बीस तक पहाड़ा याद करके नहीं सुनाया था, गुरुजी ने अपनी छड़ी मेरी झुकी पीठ पर चलाते हुए सारा पहाड़ा सुन लिये. ...
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रोजगार-शिक्षा की चिंताजनक स्थिति-- आशुतोष चतुर्वेदी
पिछले दिनों मीडिया में दो चौंकाने वाली खबरें सामने आयीं. एक तो उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के चपरासी के पदों पर 50 हजार ग्रेजुएट, 28 हजार पोस्ट ग्रेजुएट और 3700 पीएचडी धारकों ने आवेदन किया. कुल 93 हजार आवेदनकर्ताओं में सिर्फ 7400 उम्मीदवार ही ऐसे थे, जो पांचवीं पास थे. ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवारों में इंजीनियर और एमबीए डिग्री वाले शामिल थे. इस पद का काम...
More »ढहता हिमालय व गलते ग्लेशियर-- मृणाल पांडे
अगस्त का महीना देश के कई हिस्सों में तबाही लाया. केरल और हिमालयीन इलाके उससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. केरल की उफनाती बाढ़ के नजारे हमने देखे. इसी बीच खबर आयी कि शिमला में कई भवन टूट गये और नैनीताल में लोअर मालरोड झील में समा गयी. बसों का खड्डों में गिरना और उफनते नालों में बह जाना तो लगभग रूटीन हो चला है. यह आनेवाले समय के...
More »नई उड़ान को तैयार अल्पसंख्यक- शाहनवाज हुसैन
किसी भी राष्ट्र की तरक्की सीधे-सीधे उसके लोगों, उसकी आबादी की तरक्की से जुड़ी होती है। इसीलिए मोदी सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास' के मूलमंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का सर्वांगीण विकास भी देश की इसी यात्रा का एक अहम हिस्सा है। प्रधानमंत्री जो ध्येय लेकर चल रहे हैं, उसका मकसद है- अल्पसंख्यक समुदाय का हर बच्चा शिक्षित हो, हर नौजवान प्रशिक्षित हो, हुनर रोजगार...
More »न्यूनतम मजदूरी का सवाल-- मनींद्र नाथ ठाकुर
बढ़ती महंगाई को देखते हुए देश में क्या न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाया जाना चाहिए? यह सवाल इसलिए भी उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि दिल्ली और ओड़िशा के सरकारों ने इसमें महत्वपूर्ण पहल करने का निर्णय लिया है? पूंजीवादी विकास के तीन आधार हैं और उनमें एक संतुलन बनाये रखने का काम राज्य के जिम्मे होता है. पहला आधार है पूंजी, जिसके मालिकों को इस बात के लिए प्रेरित करना...
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