रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
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खेती बिना खेत के, आमदनी जेब भरके
घर में उत्पादन -कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण पाकर सफल हो रहे किसान - बीज उत्पादन के गुर सिखाने से लेकर मदर कल्चर मिल रहा मुफ्त - विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केन्द्र से किसान उठा सकते बीज अमरेन्द्र तिवारी,मुजफ्फरपुर : 'खेती बिना खेत के..' सुनकर आपको भले आश्चर्य लगे, लेकिन बात है सौ फीसदी सही। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा की पहल पर बिना खेत वाले लोग भी मशरूम की खेती कर अपनी जेबें भर...
More »सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट दिलाएगा कचरे से मुक्ति
रांची. राजधानी को कचरामुक्त करने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन सिस्टम लागू किया जाएगा। यह कार्य जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय रिन्युअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत होगा। रांची नगर निगम ने कचरा प्रबंधन सिस्टम प्लांट लगाने के लिए ए टू जेड इंफ्रास्ट्रक्चर लि., गुडग़ांव का चयन किया है। इसके लिए झिरी में जमीन भी दी गई है। इस योजना में लगभग 51.39 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अप्रैल माह से इस योजना पर कार्य...
More »सावधान! आपकी थाली में सब्जी नहीं 'जहर' हैं!- मुकेश कुमार
लखनऊ। बेमौसम हरी-भरी सब्जियों के देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। बैंगनी बैंगन और हरे मटर को देख जी ललचा उठता है। पर क्या हमने कभी सोचा है कि प्रकृति के विरुद्ध जाकर हम जो काम करते हैं, उसका साइड इफेक्ट क्या होता है? नहीं हमारे पास इतनी फुर्सत कहां जो अपने हेल्थ के बारे में सोच सकें। पर नहीं जनाब इस घटना और जानकारी के जानने के बाद आप...
More »छत्तीसगढ़: उधार का राशन खा रहे प्रदेश के कैदी : मोहम्मद निजाम
रायपुर.सरकार ने राज्य के बंदियों को भोजन के लिए पिछले साल जितना बजट दिया था, महंगाई बढ़ जाने के कारण वह अक्टूबर में ही खत्म हो गया। उसके बाद से राजधानी सहित राज्य की सभी जेलों में दाल-चावल, तेल और घी के साथ चाय-पत्ती शक्कर यहां तक कि सब्जी भी उधार के बूते लिया जा रहा है। जेल विभाग अक्टूबर से अब तक तीन मर्तबा शासन से अतिरिक्त बजट मांग चुका है। इसी...
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