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एनसीआर में डेंगू का कहर

दिल्ली-एनसीआर में डेंगू का कहर चरम पर है। सरकारी और निजी अस्पतालों में बेतहाशा भीड़ ने मरीजों की आफत और बढ़ा दी है। एक बेड पर तीन-तीन मरीजों का उपचार हो रहा है, जिससे सुविधाओं का स्तर गिर गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को अस्पतालों का दौरा किया,जहां ये गड़बड़ियां सामने आई हैं। ऐसे में उन्होंने अस्पतालों को मरीजों के लिए 1000 बिस्तरों का इंतजाम...

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अच्छी सेहत से दूर होती आबादी- के सी त्यागी

नीति आयोग ने हाल ही में सार्वजनिक चिकित्सा क्षेत्र के खर्चे में कटौती करने को कहा है। आयोग ने इस क्षेत्र में हो रहे निवेश पर काबू पाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के तहत लोगों को नि:शुल्क मिल रही दवाइयों व अन्य सेवाओं को नियंत्रित करने की भी अनुशंसा की है। इसके अलावा आयोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेशकों तथा बीमा कंपनियों को मुख्य भूमिका में लाने...

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दर्शकों तक पहुंचने की कठिन डगर - मृणाल पांडे

किसी भी लोकतांत्रिक देश की सरकार और आम आबादी के बीच सहज-सतत संवाद हर कल्याणकारी राज्यव्यवस्था की बुनियादी जरूरत होती है। जब सरकार ने (बीसवीं सदी के अंतिम दशक में) सूचना प्रसार मंत्रालय की मातहती में चलाई जाती रही रेडियो-टीवी की प्रसारण सेवाओं को प्रसार भारती नामक स्वायत्त इकाई को सौंपा था तो शायद उसके पीछे उसके मार्फत राज्य व नागरिकों के बीच एक भरोसेमंद-मजबूत पुल बनाने का ही लक्ष्य...

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दिल्ली में सरकारों का छाया-युद्ध- विकास नारायण राय

अगर विज्ञापनों के बूते संभव होता तो दिल्ली से अब तक भ्रष्टाचार का नामो-निशान मिट चुका होता और इस महानगर की स्त्रियां पूरी तरह सुरक्षित हो गई होतीं। इस संदर्भ में दिल्ली की केजरीवाल सरकार और पुलिस आयुक्त बस्सी का मीडिया धरातल पर चल रहा प्रतिस्पर्धात्मक अभियान जमीनी सच्चाई से कोसों दूर है। उनके तरकश से राजधानी के राजनीतिक छाया-युद्ध में चलाए जा रहे तीरों का संबंध परस्पर अविश्वास से...

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किराये की कोख बढ़ता कारोबार घपले हजार

पिछले कुछ समय में सरोगेसी का कारोबार तेजी से फैला है। दुनिया भर से जोड़े भारत में कुकुरमुत्ते की तरह उगते आईवीएफ क्लिनिक्स में आते हैं, जहां किराये की कोख उपलब्ध होती हैं और वे उन्हीं के जरिये अपने बच्चों को जन्म देते हैं। पर इस कारोबार के लिए न तो कोई कानून है और न ही कोई निगरानी तंत्र, जिसकी वजह से इसमें शोषण भी बहुत होता है। पेश...

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