पटना, हमारे प्रतिनिधि: सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले कुछ वर्षो में देश के दो लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। देश के किसान दिनोंदिन गरीब होते जा रहे हैं, जबकि विदेशी कंपनियां मोटी कमाई कर रही हैं। ये बातें सोमवार को स्थानीय श्रीकृष्ण विज्ञान केन्द्र में आयोजित एक बैठक में किसान स्वराज्य यात्रा में शामिल वक्ताओं ने कहीं। किसान स्वराज्य यात्रा 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के...
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सड़ांध मारता गेहूं: बोरी के साथ खुल गई लापरवाही
जोधपुर. शहर में उचित मूल्य की कई दुकानों पर एक बार फिर सड़ा गेहूं सप्लाई हुआ है। गेहूं इतना सड़ा हुआ है कि जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। रसद विभाग को भी इस बात का पता है फिर भी माल डीलरों को दे दिया गया और वहां से बेचा भी जा रहा है। काले पड़ चुके गेहूं से सड़ांध उठ रही है। फिर भी गरीब की मजबूरी है कि...
More »भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर रहेगी 9.1 फीसदी
लंदन। विकसित देशों के संगठन ओईसीडी का अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रहेगी क्योंकि कृषि क्षेत्र मजबूत हो रहा है। पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन [ओईसीडी] ने नवीनतम आर्थिक परिदृश्य रपट में कहा है कि 31 मार्च 2011 को समाप्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रहेगी। गौरतलब है कि भारत सरकार ने इस वित्त...
More »गांवों की ताकत: फोर्ब्स की सूची में दिखी गांवों से ताल्लुक रखने वाले 7 भारतीय
बोस्टन अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स ने सात सबसे शक्तिशाली भारतीयों की सूची जारी की है। ये सातों ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं। बावजूद इसके, उन्होंने ऐसी तकनीक इजाद की, जिससे देशभर में लोगों का जीवन बदल गया है। आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर व भारत के हनीबी नेटवर्क के संस्थापक अनिल गुप्ता ने फोब्र्स पत्रिका के लिए इन सात सबसे शक्तिशाली ग्रामीण भारतीय उद्यमियों का चयन किया है। गुप्ता का कहना है fd भारत के गांव बदलाव...
More »शिक्षा राष्ट्रीय मुद्दा, मानव संसाधन पर हो जोरः सिब्बल
एचटी लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल ने जोर देकर कहा कि शिक्षा एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इसकी बेहतरी के लिए सभी पार्टियों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में नौकरियों की भरमार है, लेकिन मानव संसाधन का समुचित विकास न होने के कारण भारतीय इसे पाने में असमर्थ हैं। सिब्बल ने कहा कि इसलिए हमारा जोर ऐसी शिक्षा नीति पर होना चाहिए...
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