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बिहार : बाढ़ पीड़ितों के खाते में भेजे गये 629 करोड़ 2 लाख 44 हजार रुपये

पटना : बिहार में बाढ़ की स्थिति में सुधार होना जारी है. राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाके से किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं आयी. आपदा प्रबंधन विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि पानी घटने से कई जगहों पर लोग घर लौटने लगे हैं. बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाये गये 8 राहत शिविरों में अभी भी 2887 लोग हैं. बिहार में इस साल बाढ़ से 514...

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गौरी लंकेश की हत्या किसने की?-- योगेन्द्र यादव

जबसे उनकी कायराना हत्या की खबर आयी, तबसे बार-बार यह सवाल पूछ रहा हूं. किसी मौत पर हमारी प्रातिक्रिया इस पर निर्भर करती है कि हम मृतक से कितना नजदीकी महसूस करते हैं. यह जरूरी नहीं कि हम मृतक को जानते हों. जिस सड़क से हम रोज गुजरते हैं, जिस ट्रेन से हम रोज सफर करते हैं, उस पर होनेवाले हादसे हमें गहराई से छूते हैं. 'इसकी जगह मैं हो...

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शरद यादव का बड़ा बयान, कहा-गरीबों के साथ भेदभाव करता है NEET, खत्म कर देना चाहिए

पटना / नयी दिल्ली : मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेन्स टेस्ट एनईईटी, को खत्म करने पर जोर देते हुए जदयू के राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने कहा कि केंद्र और राज्यों को अदालत में इसके खिलाफ तर्क देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत हो तो संसद में एक कानून बनाना चाहिए जिसके तहत राज्य सरकार नियंत्रित मेडिकल...

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चलो, चलें गांव की ओर?-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

सत्तर के आखिरी दशक में मेरी मुलाकात अस्सी साल के बुजुर्ग शिक्षाविद श्रीमान जीवन नाथ दर से हुई थी. मैं जिस विद्यालय की आठवीं-नवीं कक्षा में पढ़ता था, ये कभी वहीं प्राचार्य हुआ करते थे.  कहते हैं कि जब बिहार सरकार ने भारत सरकार की सलाह पर इस प्रयोगात्मक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया, तो पंडित नेहरू ने उनसे यहां आने का आग्रह किया था. शांतिनिकेतन के तर्ज पर बिना...

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कौन थीं ‘फायर ब्रांड’ पत्रकार गौरी लंकेश, जिनके तर्कवादी विचार ने बना दिये उनके दुश्मन?

बेंगलुरु : बेंगलुरु में मंगलवार रात ‘फायर ब्रांड' पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी गयी. उनकी हत्या उनके आवास के बाहर हुई. गौरी लंकेश की पहचान एक व्यवस्था विरोधी पत्रकार की थी, जो गरीबों और दलितों की हितैषी थीं. साथ ही उन्हें हिंदुत्वादी राजनीति का कट्टर विरोधी माना जाता था. कन्नड़ पत्रकारिता में कुछ महिला संपादकों में शामिल गौरी प्रखर कार्यकर्ता थीं जो नक्सल समर्थक थीं और वामपंथी विचारों...

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