पटना : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार में कृषि के विकास के लिए केंद्र उम्मीद के अनुसार समुचित मदद नहीं कर रहा है. राज्य में कृषि के कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. सात वर्षो में कृषि का बजट 24 करोड़ से 1,200 करोड़ कर दिया गया है. खरीफ महोत्सव रथ रवाना जिलों के लिए खरीफ महोत्सव रथ रवाना करने के बाद मंगलवार को पशु चिकित्सा महाविद्यालय सभागार में...
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किसानों की फिक्र (संपादकीय- दैनिक भास्कर)
जमीन पर कब्जा एक बड़ा मुद्दा है। भूमि अधिग्रहण का सवाल भारत में सामाजिक तनाव की खास वजह बना हुआ है। इस मुद्दे ने विकास की नीति एवं योजनाओं के लिए गंभीर चुनौती पैदा की है। समस्या इसलिए ज्यादा गंभीर है, क्योंकि जमीन का सीधा संबंध अनाज की पैदावार से है। खेती की जमीन का अन्य तरह का उपयोग खाद्य सुरक्षा की कीमत पर ही होता है। खबरों के मुताबिक वर्ष 2000 और...
More »पानी का निजीकरण यानी विनाश- कुमार प्रशांत
हमारे प्रधानमंत्री ने रहीम को कब और कितना पढ़ा, यह तो पता नहीं, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने जल सप्ताह के आयोजन में पानी को लेकर जो बातें कहीं, उससे एक बात तो साफ हो गई कि उन्हें पानी की चाहे जितनी फिक्र हो, पानी की पहचान नहीं है। प्रकृति ने जो कुछ अक्षय और सर्वसुलभ बनाया था, उसमें सबसे पहले हवा और पानी का नाम आता है। कभी किसी ने सोचा...
More »रिकॉर्ड की जांच कराने पर अड़े ग्रामीण
रेवाड़ी खेड़ा गांव के ग्रामीण ग्राम पंचायत के रिकार्ड की जांच की मांग को लेकर जिला उपायुक्त अजीत बालाजी जोशी से मिले। उन्होंने जिला उपायुक्त को दी शिकायत में कहा है कि रेवाड़ी खेड़ा गांव के पूर्व सरपंच व वर्तमान सरपंच के कार्यो के रिकार्ड की जांच किसी सक्षम अधिकारी से बिना किसी विलंब से करवाई जाए। उनका कहना है कि वर्ष 2005 से अब पूर्व व वर्तमान सरपंच ने बड़े...
More »वृद्धावस्था पेंशन के पक्ष में कुछ और तथ्य..
ठीक उसी वक्त जब मीडिया के हमारे मित्रगण कुछ और प्रमाणों की खोज में जुटे थे, आईएलओ(अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन) की एक नई रिपोर्ट में वृद्धावस्था-पेंशन और देश की बेहतरी के बीच विभिन्न तथ्यों के आलोक में संबंध स्थापित किया गया है। आईएलओ की रिपोर्ट “ वर्ल्ड सोशन सिक्यूरिटी रिपोर्ट 2010/11: प्रोवाइडिंग कवरेज इन टाइम्स ऑव क्राइसिस एंड बियान्ड ” में भारत की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का तन्कीदी जायजा लिया गया है। (रिपोर्ट निम्नलिखित लिंक पर...
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