ग्वालियर. सुदूर गांव में रहने वालों को अब उपचार के लिए शहर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ग्रामीणों को उनके गांव में ही उपचार मिल सके, इसके लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग दीनदयाल चलित अस्पताल प्रारंभ करने जा रहा है। ग्वालियर सहित प्रदेश के ३३ जिलों में यह सुविधा संभवत: जनवरी के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हो सकती है। आमतौर पर देखा जाता है कि सुदूर गांव में रहने वाले...
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आगामी पंचायत चुनाव में महिलाओं का होगा राज!
पटना। बिहार में अगले वर्ष अप्रैल महीने में ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। राज्य में कुल 8 हजार 463 ग्राम पंचायतों में होने वाले चुनाव में 3 हजार 784 ग्राम पंचायतों में मुखिया का पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है। राज्य निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन 3 बजार 784 महिला मुखियाओं में से सामान्य वर्ग की 2 हजार 611 मुखिया होंगी, जबकि...
More »दलितों के 8.000 करोड़ रु. हजम कर गई सरकार
जयपुर. सरकार ने पांच साल में दलितों के हक के 8351.69 करोड़ रुपए दूसरे मदों में खर्च कर दिए। विभाग के मंत्रियों को यह तक पता नहीं है कि दलितों का यह पैसा कहां और कैसे खर्च करना है? यह सब तब हो रहा है जब प्लानिंग कमीशन सभी विभागों को ‘अनुसूचित जाति उप योजना’ (एससीएसपी) के तहत सरकारी योजनाओं में दलितों के हक का पैसा अलग से अकाउंट खोलकर उसमें...
More »विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »आत्मसम्मान का मजबूत होता जज्बा-- योगेन्द्र यादव
-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
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