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आधार बिल पर चर्चा : बोले जेटली, निजता पूर्ण अधिकार नहीं, कानून से किया जा सकता है प्रतिबंधित

नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में आधार बिल पर आज सरकार का पक्ष रखा. वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि इस बिल को पारित कराने का उद्देश्य है कि सब्सिडी व लाभ को पारदर्शी ढंग से लोगों को हस्तांतरित किया जाये. उन्होंने आश्वस्त किया कि इस विधेयक में निजता को सुरक्षित रखने के कड़े प्रावधान किये गये हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा विधेयक पूरी तरह से अलग...

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आधार' मतलब पारदर्शिता और निगरानी-- रामसेवक शर्मा

बात केरोसीन की हो या रसोई गैस की या फिर उर्वरक की. अमूमन जरूरतमंदों को समय पर नहीं मिलती हैं. मजबूरन बिचौलियों से तय मूल्य से ज्यादा अदा कर इसे खरीदना पड़ता है. यह भ्रष्टाचार के साथ एक तरह से देश की अर्थव्यवस्था पर डाका है, लेकिन सरकार ने 'आधार' आधारित डीबीटी अनुदानों के जरिये इस पर काफी हद तक रोक लगायी है. बिचौलियों की भूमिका समाप्त की है. रसोई गैस...

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दकियानूसी कैसे हो गई देशभक्ति? - गिरीश्‍वर मिश्र

वैश्वीकरण के दौर में देश और राष्ट्र जैसे शब्द पुराने पड़ते जा रहे हैं। अंग्रेजी का कंट्री शब्द गंवई क्षेत्र की ओर संकेत करता है। नेशन एक अमूर्त विचार है, जिसका स्वरूप उसके मानने वालों के अपने नजरिए पर ही निर्भर करता है। यह भी एक प्रचलित मत है कि नेशनलिज्म का कोई एक अर्थ नहीं होता, वह एक बहुलार्थी शब्द है जिसका उपयोग किसी भी ढंग से किया जा...

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छत्तीसगढ़- हर जिले को मिलेगा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ

दंतेवाड़ा(ब्यूरो)। जिले में अगले दस सालों के लिए वाटर बजटिंग होगी। घरेलू उपयोग से लेकर खेती-किसानी तथा औद्योगिक इस्तेमाल जैसे हर क्षेत्र में पानी के इस्तेमाल का अगले दस सालों तक का अनुमान लिया जाएगा। इसके आधार पर पानी का बंटवारा किया जाएगा ताकि सभी प्रकार की जरूरतों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट इरीगेशन प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें जिले में उपलब्ध...

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स्मार्ट शहर से अधिक स्मार्ट स्कूलों की जरूरत- श्रीश चौधरी

शिक्षक को वे सारे कार्य करने हैं, जिनके लिए न तो उसकी नियुक्ति हुई है, न ही वह इच्छुक या प्रशिक्षित हैं. 90% से अधिक बच्चे तीसरी-चौथी कक्षा में पहुंच जाने पर भी अपनी ही कक्षा की हिंदी पुस्तक की दो-चार लाइनें भी दो-चार मिनटों में शुद्ध व सहज स्वर में नहीं पढ़ सकते हैं. मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त बच्चों को पाठशाला में कोई आकर्षण नहीं रह गया है. पढ़िए...

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