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रिटेल में एफडीआइ से होगा नुकसान- धर्मेंद्र कुमार

दिल्ली सरकार के फैसले का होगा दूरगामी असर दिल्ली देश का पहला राज्य है,  जिसने भारत सरकार के मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआइ की स्वीकृति को पलट दिया है. आम आदमी पार्टी का विदेशी रिटेल के खिलाफ यह फैसला उसी स्वराज की राजनीतिक लाइन और चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप है. कई देशों जैसे कि बेल्जियम, डेनमार्क में यह प्रावधान है कि इलाके में मॉल खोलने के लिए मोहल्ला समितियों की स्वीकृति...

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खेती हुई फायदेमंद, अंधविश्वास से उठा विश्वास तो संवरने लगा पुनगी

रांची जिला के मांडर प्रखंड की कंजिया पंचायत का एक गांव है - पुनगी. यह गांव आदिवासी बहुल है. एक समय था जब इस गांव की जमीनें सूखी और बंजर हुआ करती थीं. ग्रामीणों को किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं थी. ग्रामीण स्वयं को असहाय महसूस करते थे. रोजी रोटी कमाने के लिए ज्यादातर लोग पलायन कर जाते थे. बाहर के राज्यों में ईंट भट्टों, भवन निर्माण या किसी असंगठित क्षेत्र...

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गांव लौटने की मजबूरी - देविंदर शर्मा

बीते सात वर्षों में जिन किसानों ने खेती छोड़कर वैकल्पिक रोजगार अपना लिया था, आगामी कुछ महीनों में उनमें से डेढ़ करोड़ किसानों के थक-हारकर अपने गांव लौट आने की संभावना है। सामान्य स्थितियों में इतने बड़े स्तर पर किसानों के शहरों से गांव लौटने को समावेशी विकास का संकेत माना जाता। लेकिन अर्थशास्त्री इस यू-टर्न को आर्थिक मंदी का नतीजा बता रहे हैं। क्रिसिल ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे...

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मनरेगा में बड़ा बदलाव, भुगतान न करने वाले अधिकारियों के वेतन से मजदूरों को पेमेंट

नयी दिल्ली : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के शिडय़ूल एक, दो में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कई संशोधन किये हैं. इसमें टिकाऊ, मजबूत और सामुदायिक संपत्तियों को मजबूत करनेवाले काम जोड़े गये हैं. मनरेगा की आलोचना होती रही है कि इसमें स्थायी काम या परिसंपत्तियों के निर्माण का प्रावधान नहीं है. कैग ने कई चीजें जोड़ने की सिफारिश की थी. साथ ही राज्य सरकारों और कुछ सामाजिक...

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गन्ने की कड़वाहट- अरविन्द कुमार सेन

जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...

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